दीदी कैफे सहित महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पाद अब पहचान के मोहताज नहीं

स्व सहायता समूह से होने वाली आमदनी से आर्थिक रूप मजबूत हो रहे हैं। हालात यह हैं कि इन महिलाओं के स्व-सहायता समूह के दीदी कैफे मंत्रालय के अलावा बैरसिया, तारावली, आईटीआई गोविंदपुरा, मंत्रालय वल्लभ भवन एवं 10 नंबर मार्केट में भी शुरू हुए हैं। प्रत्येक स्व-सहायता समूह द्वारा साल भर में लगभग 5 लाख से अधिक का कारोबार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने महिला स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया है ।

भोपाल में उड़ान संकुल संगठन, भोपाल की स्व सहायता समूह की महिलाएं भी आत्मनिर्भर होने के लिए लगातार अनेक उत्पादक गतिविधियां कर रही हैं । ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार से जोड़ने की दिशा में भोपाल जिला प्रशासन द्वारा सार्थक प्रयास किये गये हैं। जिसके अब परिणाम भी सामने आने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को प्रेरित करके स्वसहायता समूहों से जोड़ा गया है। उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया गया। यह लाभ आज उनके लिये आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बन रहा है।

जिले में स्व सहायता समूहों द्वारा कई नवाचार भी किए जा रहे है जिसमें स्व सहायता समूह के द्वारा सार्थक डलिया बनाई गई है जिसे अतिथियों को प्रतीक चिन्ह के रूप में दिया जाता है। सार्थक डालियां में 31 प्रकार के उत्पाद रखे गए है। इसी तरह हर त्यौहार पर पूजन सामग्री ने भी एक नया अध्याय शुरू किया है और पूजा डलिया भी बनाई जा रही है। ये भोपाल के विभिन्न माल आदि के साथ ऑनलाइन भी अपने उत्पाद लेकर बाजार में है।