देहरादून 23 अगस्त, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने मंगलवार को गुनियालगांव में निर्माणाधीन सैन्यधाम पहुंचकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर अधिकारियों से जानकारी ली। सैन्यधाम पहुँचने पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने पुष्पगुच्छ देकर राज्यपाल का स्वागत किया।
विदित है कि देहरादून के गुनियालगांव में सैन्यधाम का निर्माण हो रहा है जिसे उत्तराखण्ड के पांचवें धाम के नाम से भी जाना जायेगा। सैन्यधाम के लिए प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लायी गयी है जिसे यहां बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा गया है। सैन्य धाम के प्रवेश द्वार का नाम पूर्व सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम से रखा जायेगा। वहीं प्रांगण में बाबा जसवंत सिंह और हरभजन सिंह का मंदिर भी बनाया जायेगा।
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि सैन्यधाम शहीदों के प्रति सम्मान का एक उत्कृष्ट उदाहरण होगा। उन्होंने कहा कि सैन् धाम को पांचवे धाम के नाम से जाना जाएगा और इसका निर्माण भव्य एवं दिव्य रूप में हो, इसके लिए चारों धामों से पवित्र मिट्टी भी लाई जाए। उन्होंने कहा कि जिन सैनिकों ने देश के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया है उन्हें सर्वाेच्च सम्मान मिले। राज्यपाल ने कहा कि देश के अन्य वॉर मैमोरियल की केस स्टडी कर सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है जो अपने-आप में अलग रूप में बनेगा।
उन्होंने कहा कि यह देश की सेना के शौर्य और गौरवशाली इतिहास को संजोने वाला स्थान होगा। सैन्य धाम में शहीद सैनिकों को सर्वाेच्च सम्मान देने के लिए उनके आंगन से मिट्टी, शहीदों के नाम, लाईट एण्ड साउण्ड शो, म्यूजियम व ऑडिटोरियम बनाये जायेंगे जिससे हमारे युवा आने वाले युगों-युगों तक इन शहीदों को याद कर प्रेरणा ले सकेंगे। राज्यपाल ने कहा कि 2023 में पूर्ण होने वाला यह सैन्यधाम पूरे राष्ट्र में एक अलग मिसाल बनेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को इसके निर्माण में पूरी निष्ठा और लगन से कार्य करने को कहा। सचिव सैनिक कल्याण श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने सैन्य धाम निर्माण की विस्तृत जानकारी दी।
मंत्री जोशी ने कहा कि यह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना है उन्होंने सैन्य धाम बनाने की घोषणा की थी उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड में बद्री केदार गंगोत्री यमुनोत्री यहां पर है यह वीरों की भूमि है देश की सेना का 17.5 की पूर्ति उत्तराखंड जैसा छोटा राज्य करता है यहां पर सैन्य धाम बनना चाहिए। मैं पूरी शिद्दत से तन मन धन के साथ इस काम में लगा हुआ हूं। आज राज्यपाल ने यहां आकर मुझे शाबाशी दी है उनका भी मैं आभार व्यक्त करता हूं। क्यूंकि वह एक सीनियर जनरल रहे हैं।कई गैलेंट्री अवार्ड उन्हें मिले है। तो मैने उनका मार्गदर्शन यहां पर लेना चाहा।और जो प्लानिंग हमने की है प्लानिंग को देखकर वे बहुत खुश हुए हैं । क्योंकि जो हम सैन्य धाम का मुख्य द्वार बना रहे हैं शहीद सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम से बना रहे है। भारत की सेना में दो सैनिकों की पूजा होती है बाबा हरभजन सिंह बाबा जसवंत सिंह का प्रांगण में मंदिर बनाया जायेगा। मंत्री जोशी ने कहा कि किसी भी हालत में चाहे मुझे यहां सितंबर के बाद अपना ऑफिस खोलना पड़े मैं किसी भी हालत में मैं दिन रात यहां रहूंगा और इसको पूरा करना मेरा संकल्प है। मुख्यमंत्री धामी का पूरा सहयोग इसमें मिल रहा है बजट की प्रयाप्त व्यवस्था है और उन्होंने मुझसे कहा है कि और भी अगर बजट की आवश्यकता होगी तो हम करेंगे लेकिन इस काम को पूरा करेंगे।
इस अवसर पर जिला अधिकारी देहरादून सोनिका, अपर सचिव एचएस धर्मसगतू, निदेशक कर्नल बीएस रावत, कर्नल एमएस जोधा, मुख्य अभियंता सीएस रजवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।