मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाने एवं जनपदों में मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति का गठन किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग, कृषि एवं उद्यान विभाग के साथ समन्वय से कार्य करें। सभी विभागों को 2025 तक बेस्ट प्रैक्टिस के तौर पर धरातल पर कार्य करने एवं अगले 10 सालों का रोडमैप बनाने के निर्देश दिये गये हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए बागवानी पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। 5 सालों में राज्य की जीडीपी को दोगुना करने के लिए सभी विभागों को तेजी से कार्य करने होंगे। सौंग बांध पेयजल परियोजना की अवशेष स्वीकृति संबंधी कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि परियोजनाओं में विलम्ब न हो, यदि कहीं कोई समस्या आ रही है, तो ऐसे मामले उच्च स्तर पर लाये जाएं।कोलीढ़ेक, थरकोट झील एवं गगास जलाशय का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि योजना पूर्ण होने की जो अवधि निर्धारित की गई हो, उस अवधि में वह पूर्ण हो। ब्लॉक स्तर पर एक-एक गांव में पॉयलेट बेस पर स्प्रिंकलर आधारित सिंचाई की जाए।मुख्यमंत्री श्री धामी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को राज्य के शहरी क्षेत्रों के लिए ड्रेनेज प्लान जल्द बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। जलाशयों की क्षमता वृद्धि के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई विभाग की अगली बैठक कब होगी, यह आज ही तय किया जाए। सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि बैठक में जो भी निर्णय लिए जाते हैं एवं जो लक्ष्य दिये जा रहे हैं, उनकी प्रगति की सम्पूर्ण जानकारी अगली बैठक में प्रस्तुत की जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री एच.सी. सेमवाल, श्री एस.एन. पाण्डेय, अपर सचिव श्री ललित मोहन रयाल, सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष श्री मुकेश मोहन एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।