युवाओं को लोकतांत्रिक मूल्यां एवं संसदीय कार्यप्रणाली से अवगत कराती है युवा संसद : गणेश जोशी।*

 

*युवाओं को लोकतांत्रिक मूल्यां एवं संसदीय कार्यप्रणाली से अवगत कराती है युवा संसद : गणेश जोशी।*

*देहरादून *, केन्द्रीय विद्यालय अपर कैम्प में आज युवा संसद की विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने प्रतिभाग किया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत, एक भारत, श्रेष्ठ भारत, स्वावलंबी भारत, स्वच्छ भारत, महिला सशक्तिकरण, दिव्यांगजनों की समस्याएं, डिजिटल शिक्षा जैसे विषयों को संसदीय कार्यवाही में सम्मिलित किया गया। ज्ञात हो कि भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से केन्द्रीय विद्यालयों में युवा संसद प्रतियोगिता ’युवा संसद’ आयोजित की जाती है। विगत दो वर्षों से कोविड प्रतिबंधों के कारण 2019 से युवा संसद प्रतियोगिता आयोजित नहीं हो पाई थी। इसलिए भारत सरकार के निर्देश पर केन्द्री विद्यालय में ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव’’ के उपलक्ष्य में युवा संसद की विशेष बैठक आयोजित की गई।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने की दृष्टि से, अनुशासन की स्वस्थ आदतें, दूसरों के विचारों को सुनने, प्रतीकूल विचारों को सहिष्णुता से सहन करने और छात्र समुदाय को संसद के कामकाज के बारे में सीधा अनुभव प्रदान करने के लिए, युवा संसद का आयोजन किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी जी की दूरदर्शिता का परिणाम है कि आप सभी प्रतिभागियों को यह सौभाग्यशाली अवसर प्राप्त हो रहा है कि युवा संसद प्रतियोगिता के माध्यम से लोकतंत्र की संसदीय परम्परा एवं संसद की कार्यवाही से परिचित हो सकें।
उन्होंने विधायी कार्यों की जनकारी देते हुए कहा कि राज्य विधानसभा के सदस्य के तौर पर मैं अपको अवगत कराना चाहुंगा कि विधानसभा के उपवेशन को प्रारम्भ करते हुए राज्यपाल महोदय सरकार के विजन एंव मिशन का उल्लेख सदन में अपने अभिभाषण में करते हैं। विधानसभा के समस्त सम्मानित सदस्यगणों की यह सामान्य जिम्मेदारी होती है कि अल्पसूचित, तारांकित एवं अतारांकित प्रश्नों की सूचना, उनका निस्तारण से लेकर नियम – 53, 58, 300 तथा 310 इत्यादि के अंतर्गत अविलम्बनीय लोक महत्व के विषयों पर सदन का ध्यान आकृष्ट किया जाए।

चूंकि विधानसभा के सदस्य जन आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए चुने गए हैं इसलिए प्रत्येक सदस्य के सदन में अपने विशेषाधिकार भी होते हैं। जिसमें वह किसी भी लोकसेवक द्वारा जन कल्याणकारी कार्यों में बाधा डालने अथवा अवमानना संबंधी शिकायतों को रख सकता है। इसके अतिरिक्त सदन का महत्वपूर्ण कार्य विधान निमार्ण से है। जिसमें विधेयकों का पुर्नस्थापन, संशोधन, विधेयकों पर वाद-विवाद के उपरांत पारित करवा कर सदन के पटल पर रखना एवं राज्यपाल महोदय की संस्तुति के लिए प्रेशित करना भी है।

आय-व्ययक की मांगों पर चर्चा, कटौती प्रस्ताव एवं लेखानुदान का विभागवार प्रस्तुतिकरण भी सदन का प्रमुख कार्य है। सरकार की आर्थिक गतिविधियों के लिए अत्यधिक आवश्यक विनियोग विधेयक (धन विधेयक) भी सदन से ही पारित करवाया जाता है। सदन के प्रभावी संचालन एवं कार्यसंपादन हेतु विभिन्न समितियां भी निर्मित की जाती हैं। जिसमें कार्यमंत्रणा समिति, लोक लेखा समिति, प्राक्लन समिति, आष्वासन समिति, याचिका समिति, आवास समिति एवं विषेशाधिकार समिति प्रमुख हैं। मुझे उम्मीद है कि युवा संसद प्रतियोगिता की यह विषेश बैठक राज्य के युवाओं को एक आम आदमी के नज़रिए से सार्वजनिक मुद्दों को समझने और उन्हें व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। साथ ही भारत की मजबूत लोकतांत्रिक प्रणाली के बारे में युवाओं को मिलने वाला यह अनुभव लोकतांत्रिक प्रणाली को और भी सुदृढ़ करने में सहायक साबित होगा। आज की युवा पीढ़ी के बीच महान चिंतक एवं भारतीय मूल्यों के प्रवर्तक रहे युग पुरूष स्वामी विवेकानन्द जी के दर्शन को भी विस्तारित करेगा। मैं समस्त प्रतिभागियों, वक्ताओं तथा आयोजनकर्ताओं को शुभकामना प्रेषित करता हूं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय के बच्चों को विधानसभा की कार्यवही दिखाई जा सके, इसकी व्यवस्था की जाएगी।
इस दौरान प्रश्नोत्तर काल, विधेयकों पर चर्चा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, आदि पर गंभीर वाद-विवाद, सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच सार्थक बहस हुई जिसमें लोकतांत्रिक को आधार बनाया गया।
इस अवसर पर केवी संगठन उपायुक्त, देहरादून संभाग, मीनाक्षी जैन, सहायक आयुक्त, डॉ सुकृति रैबानी, अशोक कुमार पाठक, युवा संसद के प्रभारी शिक्षक एसके त्रिपाठी, एके सिन्हा, खुदैजा अहमद, एसपी पंत, आरसी थपलियाल, मीनाक्षी, पंकज शर्मा तथा प्रतिभागी एवं दर्शक छात्र-छात्राएं सम्मिलित रहे।