ऋषिकेशए 19 अप्रैल। करोड़ों संगीत प्रेमियों और युवा दिलों की धड़कन कैलाश खेर पधारे परमार्थ निकेतन। परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने वेद मंत्रों और शंख ध्वनि के साथ उनका दिव्य स्वागत किया। कैलाश खेर ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर आशीर्वाद लिया।
सूफी गायक कैलाश खेर ने परमार्थ गंगा आरती में सहभाग कर अपने पुराने दिनों को याद करते हुये कहा कि मैं आज भी यहां का आनन्दए यहां की मस्ती और यहां कि दिव्यता को याद करता हूँ। उन्होंने अपने फकीराना अन्दाज़ में कहा कि क्या दिन थे जब मैं यही माँ गंगा के तट पर बैठकर संगीत की साधना करता था।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि संगीत केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं है बल्कि जीवन जीने का विज्ञान है। अपने भीतर प्रवेश करना और स्व के साथ संबंध स्थापित करने में संगीत अत्यंत मददगार है। हमारे भीतर विचारों का एक हिमालय है उससे पार जाने और शान्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम मार्ग है संगीत की साधना।
परमार्थ गंगा आरती में कैलाश खेर की आवाज के जादू पर जमकर थिरके श्रद्धालु। आज की शाम सूफी संगीत के नाम रही। स्वामी जी के आशीर्वाद स्वरूप रूद्राक्ष का पौधा कैलाश खेर जी को भेंट किया।