समीक्षा बैठक में ग्राम विकास मंत्री की अधिकारियों को दो टूक – अगर एक रुपया भी लैप्स हुआ तो नपेंगे अधिकारी।
परिणाम देने के लिए अफसर बदलें कार्यशैली, लगना चाहिए कि राज्य में भाजपा की सरकार है।
देहरादून, 04 अप्रैल, ग्राम विकास विभाग से संबंधित विभिन्न योजनों की प्रथम समीक्षा बैठक ले रहे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, ने विभागीय प्रगति की वही रूटीन रिपोर्टिंग कर रहे अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए, कि जनता के प्रति अपनी जवाबदेही को समझें और अपनी कार्यशैली में करें बदलाव। अगर योजनाओं, खास तौर से केन्द्रपोषित योजनाओं में से एक रुपया भी लैप्स हुआ तो सीधे संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
आज ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा सांय – 4 बजे से विधानसभा के कक्ष संख्या – 117 में ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आने वाली समस्त 16 योजनाओं की प्रगति एवं भविष्य की कार्ययोजना की समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। इन 16 योजनाओं में से 8 योजनाएं केन्द्र सरकार द्वारा 90ः10 के अनुपात में वित्त पोषित हैं और 7 योजनाएं राज्य सरकार की हैं जबकि 1 बाह्य सहायतित योजना क्रियांवित की जा रही हैं। उन्होंने सभी योजनाओं में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रारम्भ करने तथा पीएमजीएसवाई के तहत अधिग्रहित की गई जमीन की मुआवजा राशि जनता को 100 दिनों के भीतर वितरित करने का निर्देष दिया।
कैबिनेट मंत्री द्वारा दिए गए निर्देष –
1. समस्त योजनाओं से संबंधित बेवसाईट पर जानकारियों को तत्काल अपडेट किया जाए।
2. सभी योजनाएं अपने व्यापक प्रचार – प्रसार के लिए सोशल मीडिया के सभी उपलब्ध माध्यमों का प्रयोग एवं उनकी व्यापक जनता में रीच को सुनिश्चित करें।
3. आगामी 7 दिनों के अंदर 100 दिनों की कार्ययोजना बना कर पेश करें।
4. पलायान रोकने तथा पलायन प्रभावित गांवों में आधारभूत सुविधाएं प्रदान किए जोने हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित पलायन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार किए गए कार्यों को बताएं तथा आगामी कार्यों को लिस्ट करें।
5. पीएमजीएसवाई के तहत अंडर परफार्मिंग ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए। कामों की मॉनिटरिंग आधुनिक तकनीक का प्रायोग कर की जाए। दफ्तरों में जमे अधिकारियों को फिल्ड पर भी भेजा जाए।
6. समस्त योजनाओं की राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग में सुधार के लिए विशेष प्रयास किया जाए।
7. मार्च के अंतिम समय में बजट खर्च करने की प्रवृत्ति को खत्म करने के लिए हर माह बजट खर्च के लक्ष्य निर्धारित करें तथा उनका सतत मूल्यांकन करें।
8. ग्रामीण महिलाओं को केंद्रित कर महिला स्वयं सहायता समूहों की व्यावसायिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए परिणामोत्पादक विशेष कार्य किए जाएं।
9. परिवार स्तर पर तथा व्यक्ति स्तर पर उद्यमी कैसे हमारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं इसे व्यापक प्रचार – प्रसार से सुनिश्चित किया जाए। तथा मसिक प्रगति को सार्वजनिक किया जाए। खास तौर से महिला समूहों की सफलता की कहानियों को मीडिया माध्यमों से प्रचारित किया जाए।
10. सरस केन्द्रों को ज्यादा व्यावसायिक और आधुनिक बनाया जाए।
11. ग्रामीण आवास निर्माण एवं आवंटन में तेजी लाई जाए।
12. बॉर्डर एरिया डेवलपेंट के तहत कामों में तेजी लाई जाए तथा बेहतर काम करने वाले ब्लॉक को ज्यादा बजट दिया जाए।
इस दौरान सचिव ग्राम विकास, ए0 मुरूगेषन, उदय राज सिंह, आनन्द स्वरूप, रीना जोशी, विवेक कुमार उपाध्याय, आर0पी0 सिंह, विवेक कुमार उपाध्याय तथा दो दर्जन से अधिक अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।