अनाथ एवं बेसहारा बच्चों एवं आश्रितों को अनुग्रह राषि दिलाने में
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड करेगा सहायता
भिण्ड 17 फरवरी 2022/मा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीषन गौरव कुमार बंसल विरूद्ध भारत संघ एवं अन्य में प्रस्तुत आवेदन पर सुनवाई करते हुए दिषा निर्देष जारी किये गये है कि कोविड-19 के कारण हुई मृत्यु के संबंध में मृतकों के आश्रितों को तथा अनाथ बच्चों को अनुग्रह (एक्सग्रेसिया) प्रतिकर की राषि, शासन के माध्यम से चिन्हित करवायी जाकर, प्रदान कराये जाने के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर एवं प्रत्येक जिले के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को दायित्व सौंपा गया है। कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोकर अनाथ व बेसहारा होने वाले बच्चों को अभी तक अनुग्रह प्रतिकर की राषि का लाभ नहीं मिल पाया है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के द्वारा समन्वयक की भूमिका अदा कर ऐसे अनाथ व बेसहारा बच्चों को अनुग्रह प्रतिकर की राषि शासन द्वारा दिलवाये जाने हेतु प्रयास किया जा रहा है। भिण्ड जिले में निवासरत, ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की कोविड-19 के कारण मृत्यु हुई है, ऐसे बच्चों की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल स्वराज पॉर्टल पर अपलोड की जाकर अनुग्रह प्रतिकर राषि का भुगतान किया जाना है। ऐसे कई बच्चे हैं जिनके परिवार में कोई नहीं है या ऐसा कोई सदस्य नहीं है, जो उक्त संबंध में कार्यवाही कर पाये, जिससे वे जानकारी के अभाव में उक्त अनुग्रर प्रतिकर राषि के लिए आवेदन प्रस्तुत नहीं कर पाये है या आवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त किन्ही तकनीकी कारणों से उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया है। मा. सर्वोच्च न्यायालय के उक्त रिट याचिका में दिये गये निर्देषों के अनुपालन में ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जाकर उनके अनुग्रह प्रतिकर राषि हेतु आवेदन पत्र पूर्ण कराकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड द्वारा शासन के माध्यम से अनाथ व बेसहारा बच्चों की मदद की जा रही है।