साइबर अपराध, महिला सुरक्षा और नशे के दुष्प्रभाव: जागरूकता का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम

चमोली-साइबर अपराध, महिला सुरक्षा और नशे के दुष्प्रभाव: जागरूकता का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम,हाल के वर्षों में, समाज में साइबर अपराध और महिला अपराधों में वृद्धि के साथ-साथ नशे के दुष्प्रभावों की चिंता भी बढ़ी है। इस स्थिति को देखते हुए, चमोली जिले के पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार के आदेशानुसार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में, दिनांक 10 सितंबर 2024 को थानाध्यक्ष नन्दानगर, संजय नेगी ने रा0इ0कां0 बांजबगड़ में एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य छात्र-छात्राओं को महिला सुरक्षा, साइबर अपराधों, सड़क सुरक्षा और नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना था। थाना प्रभारी संजय नेगी ने उपस्थित छात्रों को बताया कि महिला सुरक्षा केवल महिलाओं की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है और इसके लिए सभी को जागरूक रहना आवश्यक है।
सुरक्षा के उपायों पर जोर देते हुए, थाना प्रभारी ने छात्रों को आत्मरक्षा तकनीकों, हेल्पलाइन नंबरों और कानूनी अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी समस्या का सामना करने की स्थिति में, कैसे पुलिस या अन्य संबंधित संस्थाओं से संपर्क किया जा सकता है।
इसके साथ ही, उन्होंने साइबर अपराधों के तेजी से बढ़ते मामलों पर बात की। डिजिटल युग में, युवाओं को इंटरनेट और सोशल मीडिया के दुरुपयोग के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। थाना प्रभारी ने छात्रों को बताया कि कैसे वे सुरक्षित रह सकते हैं और डिजिटल प्लेटफार्मों का सही उपयोग कर सकते हैं।
नशे के दुष्प्रभावों पर चर्चा करते हुए, उन्होंने बताया कि नशे का सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को भी प्रभावित करता है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे नशे से दूर रहें और एक स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें।
कार्यक्रम के अंत में, छात्रों ने अपने सवाल पूछे और थाना प्रभारी ने उन्हें साहसिकता से उत्तर दिए, जिससे छात्रों में जागरूकता और उत्साह का संचार हुआ। इस प्रकार के आयोजनों से समाज में कानून और व्यवस्था के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी और युवा पीढ़ी को सही दिशा में आगे बढ़ने का प्रेरणा मिलेगी।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उप प्रधानाचार्य संजय कुमार और अन्य अध्यापकगण भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस पहल को सफल बनाने में योगदान दिया। अंततः, यह कार्यक्रम न केवल छात्रों को जागरूक करने का माध्यम था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी था।