“सिविल और फैमिली कानून के विशेषज्ञ: एडवोकेट विकास कुमार के साथ साक्षात्कार”

 

“विकास कुमार जी: सिविल और फैमिली मामलों में 24 वर्षों का अनुभव”

“सस्ता और सुलभ न्याय: एडवोकेट विकास कुमार की कानूनी यात्रा”

एडवोकेट विकास कुमार जी, देहरादून के प्रतिष्ठित सिविल और फैमिली कानून के वकील हैं, जिनके पास 24 वर्षों का अनुभव है। उनका जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ और उन्होंने कई स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षण कार्य करने के बाद कानून की डिग्री प्राप्त की। वे देहरादून जिला न्यायालय में 24 वर्षो से प्रैक्टिस कर रहे हैं और विशेष रूप से संपत्ति विवाद, तलाक, कस्टडी, घरेलू हिंसा और हर्जाना मामलों में विशेषज्ञता रखते हैं।

विकास जी को अपने मजबूत तार्किक और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है, और वे हर मामले में गहन शोध और स्पष्ट तर्क के साथ अपने क्लाइंट का पक्ष प्रस्तुत करते हैं। उनका उद्देश्य सस्ता और सुलभ न्याय प्रदान करना है, और वे अपने मामलों को संवेदनशीलता और ईमानदारी से सुलझाते हैं।
विकास कुमार जी का मानना है कि कानून केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि समाज को बेहतर बनाने का एक माध्यम है। वे अपने पेशे को इस रूप में देखते हैं कि एक वकील को न केवल अपने क्लाइंट का कानूनी प्रतिनिधित्व करना होता है, बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास करना चाहिए।विकास कुमार जी को प्रभावी, स्पष्ट और सुविचारित कानूनी दस्तावेज और तर्क तैयार करने में विशेष महारत हासिल है। वे अपने मामलों में हमेशा मजबूत विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, और केस के प्रत्येक पहलू का गहन शोध करते हुए अपने क्लाइंट के पक्ष में सबसे बेहतर तर्क प्रस्तुत करते हैं। उनका विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और तार्किक सोच उन्हें जटिल मामलों में भी सफलता दिलाती है।सिविल और फैमिली कानून में 24 वर्षों का अनुभवी एडवोकेट विकास कुमार जी के साथ हरिशंकर सैनी ने साक्षात्कार किया, प्रस्तुत है साक्षात्कार के प्रमुख अंश”

प्रश्न – आपने कानून की पढ़ाई  कहा से की  और हमें अपने बारे में कुछ बताएं?

उत्तर: नमस्कार, धन्यवाद! मैं विकास कुमार, एक सिविल एवं फैमिली कानून के वकील, देहरादून में प्रैक्टिस कर रहा हूं। मैंने अपनी कानून की पढ़ाई देहरादून में की है और इसके बाद मैंने सिविल और फैमिली मामलों में विशेषज्ञता प्राप्त की है। मुझे 24 वर्षों का अनुभव है और मैं विशेष रूप से संपत्ति विवाद, तलाक, हर्जाना और कस्टडी मामलों में कार्य करता हूं।

प्रश्न – क्या आपको लगता है कि सिविल और फैमिली मामलों में वकील बनने के लिए खास गुणों की आवश्यकता होती है?
उत्तर: हां, बिल्कुल। सिविल और फैमिली कानून में काम करने के लिए पेशेवर क्षमता के साथ-साथ संवेदनशीलता की भी आवश्यकता होती है। यहां पर ज्यादातर मामले व्यक्तिगत और पारिवारिक होते हैं, जिसमें भावनात्मक जुड़ाव अधिक होता है। एक वकील को अपने क्लाइंट के पक्ष को मजबूती से प्रस्तुत करने के साथ-साथ, कानूनी प्रक्रिया के दौरान उन्हें मानसिक रूप से भी सहयोग देना पड़ता है।

प्रश्न -सिविल और फैमिली कानून में सबसे आम मुद्दे क्या होते हैं?
उत्तर: -सिविल मामलों में अक्सर संपत्ति विवाद, बेजा कब्जा, अनुबंधों के उल्लंघन, आदि के मामले होते हैं। वहीं, फैमिली कानून में तलाक, संपत्ति बंटवारा, बच्चे की कस्टडी, और घरेलू हिंसा के मामलों की अधिकता रहती है। इसके अलावा, बढ़ते हुए सामाजिक और कानूनी बदलावों के कारण, महिलाओं के अधिकारों और उनके कानूनी संरक्षण के मामले भी ज्यादा सामने आ रहे हैं।

प्रश्न – क्या आपने कभी कोई ऐसा चुनौतीपूर्ण मामला संभाला है जो आपको विशेष रूप से याद हो?
उत्तर: हां, एक मामला मुझे याद आता है जब एक महिला ने घरेलू हिंसा का आरोप अपने पति पर लगाया था, और मामले में बहुत ही जटिल कानूनी बारीकियां थीं। इसमें मुझे यह साबित करना था कि महिला के साथ अत्याचार हुआ है, जबकि पति ने इस आरोप का खंडन किया था। यह मामला काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि इसमें दोनों पक्षों के बीच की भावनात्मक असहमति और कानूनी पेचीदगियां थीं। लेकिन सही सबूत और कानूनी रणनीति के माध्यम से हम अदालत में महिला के पक्ष में फैसला लाने में सफल हुए।

प्रश्न  -सिविल और फैमिली मामलों में समय पर न्याय दिलाना कितना मुश्किल है?
उत्तर:-समय पर न्याय दिलाना वाकई एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, खासकर भारत में जहां न्यायालयों में अधिक मामलों का बोझ होता है। सिविल और फैमिली मामलों में कई बार केस लंबित हो जाते हैं, और इसके कारण लोगों को देर से न्याय मिलता है। हालांकि, हमारे लिए यह जरूरी है कि हम अपने क्लाइंट को सही दिशा में मार्गदर्शन करें, ताकि वे सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें और मामले को समय से पहले हल करने की कोशिश करें।

प्रश्न 6:- आपके अनुसार, कानूनी प्रक्रिया में सुधार की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:-कानूनी प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है, खासकर अदालतों में मामलों के निपटारे की गति को तेज करने के लिए। डिजिटल कोर्ट्स, केस मैनेजमेंट सिस्टम्स, और अधिक जजों की नियुक्ति से इन प्रक्रियाओं में सुधार हो सकता है। साथ ही, लोगों को कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना भी जरूरी है, ताकि वे अधिक से अधिक मामलों में कानूनी सहायता ले सकें।

प्रश्न -आप युवा वकीलों को क्या सलाह देना चाहेंगे?
उत्तर:-मैं युवा वकीलों से यही कहूंगा कि वे हमेशा ईमानदार और समर्पित रहें। इस पेशे में सफलता केवल कानूनी ज्ञान से नहीं आती, बल्कि नैतिकता, संवेदनशीलता और कड़ी मेहनत से भी आती है। उन्हें अपने क्लाइंट के मामलों को समझने और उन्हें उचित सलाह देने की कला में माहिर होना चाहिए। इसके अलावा, हमेशा अपनी पढ़ाई जारी रखें और हर मामले को एक सीखने के अवसर के रूप में लें।

प्रश्न :- आने वाले वर्षों में आप अपने पेशे को कहां देखते हैं?
उत्तर: आने वाले वर्षों में मैं इसे और अधिक उन्नत होते हुए देखता हूं, जहां कानूनी प्रक्रिया तेजी से डिजिटल और अधिक पारदर्शी होगी। साथ ही, मैं यह देखता हूं कि लोग अधिक से अधिक सुलह और मध्यस्थता का रास्ता अपनाने लगे हैं, जिससे अदालतों में लोड कम हो सके और लोग जल्दी न्याय पा सकें।

प्रश्न 9:- इस साक्षात्कार के अंत में, क्या आप अपने कुछ विचार साझा करना चाहेंगे?
उत्तर:– मैं बस यही कहना चाहूंगा कि कानून एक अद्भुत और चुनौतीपूर्ण पेशा है, जो समाज को बेहतर बनाने में मदद करता है। हमें हमेशा सच और न्याय के पक्ष में खड़ा रहना चाहिए। और, एक वकील के रूप में हमें न केवल अपने क्लाइंट का कानूनी प्रतिनिधित्व करना होता है, बल्कि उनके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास करना चाहिए।

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