मित्र पुलिस ने खोया हुआ पर्स सकुशल किया मालिक के सुपुर्द
बद्रीनाथ: श्री बद्रीनाथ पुरोहित संगठन के सचिव गौरव जी द्वारा एक लेडीज पर्स पुलिस नियंत्रण कक्ष में जमा कराया गया था। इस पर्स के बारे में पीए सिस्टम से बार-बार अनाउंसमेंट करने के बाद, बंगलौर के निवासी श्री अशोक वाई और श्रीमती श्रेया वाई, लगभग एक घंटे पहले खोए हुए अपने पर्स की खोज में पुलिस नियंत्रण कक्ष पहुंचे।
पुलिस ने श्री अशोक वाई और श्रीमती श्रेया वाई से पर्स की पूरी जानकारी प्राप्त की और आवश्यक जांच पड़ताल के बाद उन्हें उनका पर्स सौंप दिया। पर्स मिलने पर श्री अशोक वाई और श्रीमती श्रेया वाई ने उत्तराखंड पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया और उनकी सराहना की।
यह घटना उत्तराखंड पुलिस की ईमानदारी और जनसेवा के प्रति समर्पण का एक प्रमाण है। पुलिस ने न केवल खोया हुआ पर्स सुरक्षित रखा बल्कि उसे सही मालिक तक पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई। यह घटना न केवल पुलिस की सराहना योग्य पहल को दर्शाती है बल्कि यह भी संदेश देती है कि जनता और पुलिस के बीच बेहतर तालमेल से समस्याओं का समाधान संभव है।
यातायात पुलिस की सजगता: खोया हुआ मोबाइल फोन मिला, मालिक को किया सुपुर्द
चमोली: यातायात पुलिस चमोली की सजगता और ईमानदारी का एक बेहतरीन उदाहरण सामने आया है। अशोक सिंह, पुत्र भरत सिंह, निवासी उस्तोली नन्दानगर, जो मलारी से कर्णप्रयाग जा रहे थे, उनका मोबाइल फोन चमोली के पास सड़क पर गिर गया था। यातायात पुलिस चमोली के कर्मियों ने सड़क पर पड़ा हुआ मोबाइल फोन देखा और उसे सुरक्षित उठा लिया।
पुलिस कर्मियों ने मोबाइल फोन में मौजूद जानकारी के आधार पर अशोक सिंह का पता लगाया और उन्हें बुलाकर फोन सुपुर्द कर दिया। अशोक सिंह ने यातायात पुलिस के इस सराहनीय कार्य के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
यह घटना एक बार फिर यातायात पुलिस की ईमानदारी और जनसेवा के प्रति समर्पण को दर्शाती है। खोई हुई चीजों को ढूंढकर उनके मालिकों तक पहुँचाना, पुलिस का कर्तव्य न होते हुए भी, एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे पुलिस जनता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहती है।