उत्तराखंड में आईटीबीपी और किसानों के बीच एमओयू से मिलेगी सैनिकों को ताजी खाद्य सामग्री और किसानों को उचित मूल्य,वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मिलेगा बढ़ावा।

उत्तराखंड में आईटीबीपी और किसानों के बीच एमओयू से मिलेगी सैनिकों को ताजी खाद्य सामग्री और किसानों को उचित मूल्य,वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को मिलेगा बढ़ावा।

प्रदीप कुमार
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल।उत्तराखण्ड में स्थित सभी आईटीबीपी पोस्ट पर सीमान्त जिलों चंपावत,चमोली,उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ के गांवों के 4000 से अधिक स्थानीय किसानों/पशुपालकों के माध्यम से मांस हेतु भेंड़,बकरियां,पाॅलट्री तथा ट्राउट मछली की आपूर्ति के सम्बन्ध में आईटीबीपी तथा उत्तराखण्ड काॅओपरेटिव फेडरेशन के मध्य एमओयू की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में विकास,सीमान्त क्षेत्रों में रिमाइग्रेशन को बढ़ावा देने व पलायन को रोकने तथा सैनिकों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए इस एमओयू को जल्द सम्पन्न करवाने के निर्देश दिए हैं। उक्त एमओयू को वाइब्रेट विलेज प्रोग्राम के लिए प्रभावी पहल बताते हुए सीएस रतूड़ी ने कहा कि इससे सीमान्त क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही पशुओं की स्थानीय ब्रीड व पशुधन को बढ़ावा,सीमान्त आबादी के लिए रोजगार के अवसरों को गति व वोकल फाॅर लोकल को प्रोत्साहन मिलेगा।मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आईटीबीपी व उत्तराखण्ड सरकार की इस पहल से राज्य में पशुधन की योजनाएं धरातल स्तर पर पहुंचेगी। बैठक में आईटीबीपी ने राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में अपने पशु चिकित्सकों की सेवाएं प्रदान करने का प्रस्ताव रखा,जिस पर सहमति देते हुए मुख्य सचिव ने सीएसआर फण्ड के तहत पशुओं हेतु मेडिकल मोबाइल वैन की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।आईटीबीपी द्वारा प्रस्तावित पर्यटन क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने इस विषय पर पर्यटन विभाग के साथ बैठक के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आईटीबीपी तथा उत्तराखण्ड काॅओपरेटिव फेडरेशन के मध्य इस एमओयू से अन्य समकक्ष सैन्य संस्थाओं जैसे एसएसबी,सेना आदि के साथ भी इस क्षेत्र में कार्य करने के मार्ग खुलेंगे। इस एमओयू से सीमान्त क्षेत्रों में सप्लाई चेन को मजबूत करने,किसानों को उचित मूल्य मिलने व किसानों से सीधे आपूर्ति की व्यवस्था के साथ ही मैदानी क्षेत्रों से आईटीबीपी को पूरे वर्ष बिना बाधा के कम समय में ताजी खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। एमओयू को क्रियान्वित करने हेतु मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड काॅओपरेटिव फेडरेशन को रिवाॅल्विंग फण्ड,मार्केटिंग फण्ड तथा प्रशासनिक व्ययों पर चर्चा करते हुए इसे भविष्य में सस्टेनेबल मोड पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर,डा.बी वी आर सी पुरूषोत्तम,आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल सहित सहकारिता,वित्त,आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे।