टिहरी बाल लेखन कार्यशाला में हस्तलिखित पत्रिका टिहरी दर्पण व दीवार पत्रिकाओं का हुआ लोकार्पण

प्रदीप कुमार

नई टिहरी/श्रीनगर गढ़वाल। टिहरी किताब कौतिक के पहले चरण में राजकीय बालिका इंटर कालेज बौराड़ी में अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी,भारत ज्ञान विज्ञान समिति,क्रिएटिव उत्तराखंड तथा शिक्षा विभाग टिहरी के संयुक्त तत्वावधान में 15 जुलाई से आयोजित बाल लेखन कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान टिहरी की प्राचार्य हेमलता भट्ट ने कहा कि मोबाइल संस्कृति के आज के दौर में बच्चे हम बड़ों से अधिक जानते हैं। मोबाइल,कंप्यूटर आदि कईं मामलों में बच्चे हम बड़े लोगों का सिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे बहुत कुछ जानते हैं। उनकी प्रतिभा को अवसर दिया जाना समय की जरूरत है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला शिक्षा विनोद कुमार ढौढियाल ने कहा कि गैर शैक्षणिक गतिविधियां बच्चों को मंच प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि बच्चे पुस्तकें नहीं पढ़ रहे हैं,बच्चे मोबाइल से चिपके रहते हैं ऐसा कहकर हम बच्चों को दोष नहीं दे सकते हैं। इसके लिए हम बड़े लोग जिम्मेदार हैं। वक्ताओं ने कहा कि एक साहित्यकार,शिक्षक व साहित्यकार बतौर हम बड़े लोग पुस्तकें पढेंगे,पुस्तकें खरीदकर घर पर ले जाएंगे तो बच्चे जरूर पुस्तकों को पढ़ेंगे। बच्चे अभिभावकों व अपने शिक्षकों से काफी कुछ सीखते हैं। हम बड़े लोग पठन-पाठन की आदत बनाएंगे तो बच्चे अपने आप इस संस्कृति को अपनाएंगे। मुख्य शिक्षा अधिकारी एस.पी.सेमवाल ने कहा कि कई लोग किताब पढने के लिए समय नही होने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग घंटों तक मोबाइल पर चिपके रहते हैं पर किताब पढने के लिए उनके पास समय नहीं होता है। उन्होंने कहा दांत साफ करने,पूजा की पुस्तक पढ़ने,दूध पीने,घूमने व योग करने जैसी कई अच्छी आदतें हमारी दिनचर्या में शामिल हैं। इसी प्रकार हमें किताब पढने की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। समारोह में बालप्रहरी,बाल मन,बाल वाटिका,बालिका स्वर,नवांकुर,मेरी पुस्तक,अमर ज्योति,जगमग ज्योति आदि नामों से बच्चों द्वारा तैयार 64 हस्तलिखित पुस्तकों की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। कार्यशाला के सभी प्रतिभागी बच्चों ने मेरा परिचय,मेरे जीवन की घटना,यात्रा वृतांत,चुटकुले,पहेलियां,गढ़वाली गीत,मेरा गांव,गांव में पाए जाने वाले पेड़ पौधे आदि विषयों को जोड़ते हुए लगभग 15 पृष्ठ की पुस्तक तैयार की गई। कार्यशाला में प्रत्येक बच्चे की रचना को जोड़ते हुए आनंदमणी पैन्यूली के संपादन में तैयार हस्तलिखित पत्रिका ‘टिहरी दर्पण’ भी अनूठा प्रयोग था। कार्यशाला के समाचार व बच्चों की रचनाओं को जोड़ते हुए बाल दर्पण,टिहरी दर्पण,बाल संसार,चिल्डन टाइम्स,बाल विचार नाम से तैयार 5 दीवार पत्रिकाओं का लोकार्पण भी अतिथियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर आयोजित बाल कवि सम्मेलन में बच्चों ने नई टिहरी,मेरा गांव,भोजन की बरबादी,फूल,तितली,बादल,कंप्यूटर,फास्ट फूड आदि विशयों पर स्वरचित कविताएं सुनाई। बाल कवि सम्मेलन का संचालन सेंट एंथनी पब्लिक स्कूल मोलधार की कक्षा 8 की छात्रा इप्शिता चमियाल ने किया। अध्यक्षता कक्षा की छात्रा हरप्रीत कौर ने की। इस अवसर पर कक्षा 7 की छात्रा दीपशिखा रावत को मुख्य अतिथि बनाया गया था। कार्यशाला के प्रारंभ में अतिथियों ने सभी प्रतिभागी बच्चों को बैज पहिनाकर सम्मानित किया। बाद में बच्चों ने औरैगैमी के तहत अखबार से बनाए मुकुट अतिथियों को पहिनाए। कार्यक्रम की शुरूआत ‘ज्ञान का दीया जलाने’ समूह गीत से हुई। वर्तमान में मोबाइल संस्कृति पर कड़ा प्रहार करते हुए बच्चों न ‘मोबाइल टन टनाटन टन’ नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पुस्तकों को दोस्त बनाने की अपील की। बच्चों ने मैं तुमको विश्वास दू आदि समूह गीत भी प्रस्तुत किए। आदर्श बधानी तथा मानसी को सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागी बतौर पुरस्कार में बालसाहित्य उपहार में दिया गया। समारोह को बालप्रहरी संपादक उदय किरौला,हेम रावत,आनंदमणी पैन्यूली,कमल सिंह महर आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रकाश पांडे,महिपाल नेगी,वीरसिंह रावत,प्रमोद पैन्यूली,अंतरिक्ष,अंजली बहुखंडी,सुनीता बिष्ट,देवेंद्र नौटियाल,इंदु कोठारी,अभिषेक शुक्ला आदि उपस्थित थे। अंत में किताब कौतिक आयोजन समिति के संयोजक हेम पंत ने किताब कौतिक के पहले चरण में सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।