जोशीमठ के युवा पत्रकार रणजीत रावत और शिक्षक मनोज सती, गौरा देवी सम्मान से होंगे सम्मानित..

ग्राउंड जीरो से संजय चौहान!
चिपको आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ और विश्व पर्यावरण दिवस 5-6 जून को ऊर्गम में आयोजित 27 वें गौरा देवी पर्यावरण प्रकृति पर्यटन विकास मेले में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले विभिन्न हस्तियों को गौरा देवी सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। जोशीमठ के युवा पत्रकार रणजीत रावत और शिक्षक मनोज सती को भी गौरा देवी सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
ये हैं युवा पत्रकार रणजीत सिंह रावत!
सीमांत जनपद चमोली के सीमांत ब्लाॅक और शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ में विगत 20 सालों से पहाड की पत्रकारिता को नयी ऊचांई देने वाले युवा पत्रकार रणजीत रावत ने सीमित संसाधनो के बाबजूद सीमांत क्षेत्र में पत्रकारिता को नयी पहचान दिलाई है। राजनीतिक विज्ञान और समाजशास्त्र में परास्नातक की डिग्री हासिल कर चुके रणजीत रावत मूल रूप से पंय्या गांव (बडगांव) के निवासी है। रणजीत रावत नें वर्ष 2002 में शाह टाइम्स के जरिए पत्रकारिता में कदम रखा। राष्ट्रीय सहारा, ईटीवी, एबीपी न्यूज और दैनिक जागरण में रहते हुये रणजीत रावत नें तीर्थाटन पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, जोशीमठ ब्लॉक में विभिन्न तीर्थ स्थलों, पर्यटन स्थलों सहित फूलो की घाटी, चेनाप घाटी, उर्गम घाटी की विभिन्न समस्याओं सहित कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में सैकड़ो खबरें लिखी। रणजीत रावत छात्र राजनीति से भी जुड़े रहे। इन्होंने विभिन्न संगठनों में भी काम किया। ये यूथ क्लब के 2 बार अध्यक्ष भी रहे जबकि विभिन्न जनांदोलनों में भी सक्रिय रहे।
ये है शिक्षक व पर्यावरणविद्ध मनोज सती!
शिक्षक मनोज सती चमोली जिले के लंगासू गांव के निवासी है जो विगत 10 बरसो से पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र मे उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। मनोज सती नें पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए वर्ष 2017 में मेरा विद्यालय मेरा पेड़ की शुरुआत की थी जिसमे अभी तक वे 100 से अधिक पौधों का वितरण कर चुके हैं। मनोज सती मैती संस्था के समन्वयक भी हैं और ये अपने क्षेत्र में होने वाली शादियों में नवदंपति को पौधे उपलब्ध करा के मैती वृक्षारोपण सम्पन्न कराते हैं। उन्होंने अब तक सैकड़ों शादियों में पौधारोपण कराया है। शिक्षक मनोज सती अपने वेतन से प्रत्येक महीने गरीब छात्र छात्राओ की सहायता के लिए दो हजार रुपये जमा करते हैं और नए सत्र शुरू होने पर गरीब छात्र छात्राओ को कपड़ा, स्टेशनरी का सामान, फीस आदि मुहैया कराते हैं। उन्होंने अपने विद्यालय को स्वच्छ और खूबसूरत बना रखा है। सती ने अपने घर में कई प्रजातियों की अलग-अलग नर्सरी भी बना रखी हैं। मनोज सती नें उनके द्वारा निर्मित कई विद्यालयों को गौरैया के घोसले भी वितरित किए। शिक्षक मनोज सती को पर्यावरण के लिए उल्लेखनीय कार्य करने के लिए विभिन्न मंचो पर दर्जनो सम्मान मिल चुके हैं। जिसमें वसुंधरा अमृत सम्मान, सुंदरलाल बहुगुणा वृक्ष मित्र सम्मान, समलौण सम्मान, मैती सम्मान, गौरा देवी सम्मान सहित अनगिनत पुरस्कार शामिल हैं।