केदारघाटी की बेटी डॉ.कविता भट्ट दार्शनिक लेखन के लिए होंगी पुरुस्कृत,केदार घाटी में खुशी की लहर*

प्रदीप कुमार

ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। अखिल भारतीय दर्शन परिषद भारत के तत्वावधान में दर्शनशास्त्र विषय में किए गए उल्लेखनीय लेखन हेतु वर्ष 2023 के लिए कृतियों का चयन परिषद् द्वारा कर लिया गया है। इसमें प्रो.सोहनराज तांतेड़ दर्शन जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में सहायक आचार्य और उत्तराखंड की ख्यातिलब्ध लेखिका डॉ.कविता भट्ट की कृति का चयन हुआ है। इस पुरस्कार पर समस्त प्रदेश वासियों,गढ़वाल विश्वविद्यालय,शैक्षणिक-साहित्यिक जगत् और व्यापक स्तर पर उनके विद्यार्थियों,पाठकों और प्रशंसकों में प्रसन्नता की लहर है। ऊखीमठ क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि ज्ञातव्य हो कि शैलपुत्री के नाम से ख्याति प्राप्त डॉ.कविता भट्ट को यह पुरस्कार उनकी बहुचर्चित और महत्त्वपूर्ण दार्शनिक कृति ‘घेरंड संहिता में षट्कर्म योगाभ्यास और योग’ के लिए प्रदान किया जाएगा। लगभग साढ़े तीन सौ पृष्ठों की यह पुस्तक भारतवर्ष के सबसे पुराने प्रकाशकों में से एक चौखंभा संस्कृत प्रतिष्ठान,दिल्ली से प्रकाशित है। जिसमें हठयोग के प्राचीन मूलग्रंथ घेरंड संहिता के अंतर्गत निर्देशित योग के पहले अभ्यास ‘षट्कर्म’ के सभी गूढ़ पक्षों को विश्लेषित और व्याख्यायित किया गया है। यह पुरस्कार अखिल भारतीय दर्शन परिषद भारत के आगामी राष्ट्रीय सम्मेलन में दिया जाएगा जिसमें दर्शन और शिक्षण जगत से जुड़ी सुप्रतिष्ठित विभूतियां सहभागिता करेंगी। ज्ञात हो कि भारतीय दर्शन में योग दर्शन की विशेषज्ञ होने के नाते डॉ.कविता भट्ट एक गंभीर लेखिका,प्रखर व्याख्याता और शिक्षाविद है। जिनकी 27 पुस्तकें,अनेक शोध पत्र,लोकप्रिय आलेखों के साथ ही सैकड़ों साहित्यिक रचनाएं और कविताएं भी प्राकशित हुई है। उनकी रचनाएं देश-विदेश की अनेक भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। पहाड़ी महिला का संघर्षपूर्ण जीवन जीते हुए भी डॉ.कविता भट्ट शैलपुत्री पिछले 25 वर्षों से भारतीय दर्शन,योगदर्शन,गीतादर्शन,महिला सशक्तीकरण और हिन्दी साहित्य पर केंद्रित लेखन और दर्शन के गूढ़ विषयों के प्रसार हेतु समर्पित हैं। मूल रूप से जनपद रूद्रप्रयाग के कालीमठ घाटी कोटमा निवासी डॉ.कविता भटट् शैलपुत्री को वर्ष 2019 में अखिल भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार साहित्य अकादमी,मध्य प्रदेश से प्राप्त हो चुका है। इसके अतिरिक्त लोकनायक जेपी अवार्ड,गार्गी योगिनी अवार्ड,अरुणिमा सिन्हा ब्रिलिएंट विमैन अचीवर अवार्ड,कैनेडा से हिन्दी चेतना सृजन सम्मान और सेवा इंटरनेशनल इत्यादि जैसे अनेक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार/सम्मान डॉ.कविता भट्ट को प्राप्त चुके हैं। वर्ष 2020 में आपको विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद में कार्यक्रम परामर्श समिति की सदस्य भी मनोनीत किया गया। डॉ.कविता भट्ट ने वर्ष 2023 में फिजी में आयोजित विश्व हिन्दी सम्मेलन में भारत सरकार के प्रतिनिधि मंडल की सदस्य के रूप में प्रतिभाग किया। सभी हिमालयीय राज्यों के सुनियोजित विकास पर केंद्रित हिमालयन पीपल पॉलिसी की ड्राफ्टिंग कमेटी की भी सदस्य रह चुकी हैं। डॉ.कविता भट्ट शैलपुत्री उत्तराखंड मूल की ऐसी महिला हैं जिनको योगदर्शन पर केंद्रित गुणवत्तापरक शोधों हेतु भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद,नई दिल्ली और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग,नई दिल्ली द्वारा अनेक महत्त्वपूर्ण फैलोशिप अवार्ड दिये गये हैं तथा योग दर्शन की अध्येता और अनुसंधानकर्त्ता के रूप में उनका अनेक वर्षों का लम्बा अनुभव रहा है। भारतीय उच्चायोग,दूतावास,अनेक मंत्रालयों,साहित्य अकादमियों और शिक्षण संस्थानों इत्यादि में डॉ.कविता भट्ट शैलपुत्री निरंतर व्याख्यान हेतु आमंत्रित की जाती है,साथ ही मॉरीशस,यूएई,यनाइटेड किंगडम और नेपाल इत्यादि के पटलों पर आमंत्रित व्याख्यान निरंतर प्रसारित हुए हैं। प्रसार भारती के अंतर्गत आकाशवाणी और दूरदर्शन केंद्रों पर वार्ताओं,रूपकों,सामयिक-साहित्यिक रचनाओं के प्रस्तोता के रूप में लंबा अनुभव उनको रहा है तथा उनकी रचनाएं देश विदेश की अनेक भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। साथ ही एक संपादक और अनुवादक और के रूप में आपकी विशिष्ट छवि रही है। डॉ.कविता भट्ट शैलपुत्री की इस उपलब्धि पर केदार घाटी के जनप्रतिनिधियों,विभिन्न सामाजिक संगठनों,जनमानस व परिजनों ने खुशी व्यक्त की है।