मतदान करनें वाली महिलाओं को नि:शुल्क परामर्श: डाॅ. सुजाता संजय

 

* संजय मैटरनिटी सेन्टर द्वारा एक अनोखी पहलः (मतदान हमारा अधिकार)

* समाज में महिलाओं की विशेष भूमिका: डाॅ. सुजाता

* निःशुल्कः महिला मतदाताओं को तीन दिन निः शुल्क परामर्श

* लोकतंत्र में महिलाओं की विशेष भूमिकाः डाॅ. सुजाता

देहरादून! 19 अप्रैल 2024,संजय मैटरनिटी सेन्टर द्वारा गत वर्षो की ही भाँति इस लोकसभा चुनावी पर्व पर उन महिलाओं को जिन्होनें चुनाव में अपना बहुमूल्य मतदान दिया हैं। उनके लिऐ तीन दिवसीय 19-21, अप्रैल 2024 तक निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श दिया जायेगा। यह कार्यक्रम डाॅ. सुजाता संजय द्वारा पिछले तीन वर्षों से 2017, 2019 एवं 2022 से चलाया जा रहा है।
इसके लिए मरीज मतदाताओं को अपनी उँगली पर लगी अमिट स्याही दिखानी होगी। डाॅ. सुजाता संजय ने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक मतदान का प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए ही उन्होंने यह पहल की है। इन्होने वर्ष 2017 , 2019, 2022 और अब 2024 मतदान में मरीजों के लिया निरूशुल्क परामर्श एवं 20 प्रतिशत की छूट ऑपरेशन और दवाईयों पर दी जायेगी।
डाॅ. सुजाता संजय ने बताया कि इस राज्य को चलाने में और बढ़ाने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका रही है तथा इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हमारी सेवा संस्था द्वारा महिलाओं को मतदान देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह मूहिम चलायी गयी है। मतदान हमारा अधिकार है। इसे हमें सोच-समझकर देना चाहिए क्योंकि मतदान से ही एक कर्मष्ठ एवं झुझारू नेता चुना जा सकता है जो हमारे समाज एवं प्रदेश का चाहुमुखी विकास एवं नेतृत्व कर सके। जैसा कि मेरा मानना है कि एक स्वस्थ महिला ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकती है वैसे ही एक महिला अपना बहुमूल्य मतदान द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त एवं समृद्व राज्य का निर्माण में अपना योगदान दे सकती है।
डॉ सुजाता संजय कहती है कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि हम एक लोकतान्त्रिक देश के स्वतंत्र नागरिक है। लोकतान्त्रिक प्रणाली के तहत जितने अधिकार नागरिको को मिलते है उनमे सबसे बड़ा अधिकार है वोट देने का अधिकार। इस अधिकार को पाकर हम मतदाता कहलाते है चाहे वो महिला हो या पुरुष। मतदान, जिसके पास यह ताकत है कि वो सरकार बना सकता है , सरकार गिरा सकता है , और तो और स्वयं सरकार बना भी सकता है।
इस अवसर पर सेवा संस्था के सचिव डाॅ0 प्रतीक ने कहा कि भगवान भी उसी की मदद करते हैं, जो सवयं अपनी मदद करते हैं। मतदान हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। हमें इसे पूरा करना होगा। अपनी ताकत को हमें पहचानना होगा। यदि हम मतदान नहीं करते हैं तो हम सरकार की कमियों को भी बताने का अधिकार खो देते हैं। राष्ट्र के विकास में अपना योगदान अवश्य दें और अन्य को भी जागरूक करें कि वह भी मतदान करें।