विश्व विख्यात मदमहेश्वर व तुंगनाथ के कपाट खोलने की तिथि 20 मई को हुई घोषित*

* प्रदीप कुमार

ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर व तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोलियों के शीतकालीन गद्दी स्थलों से धाम रवाना होने की तिथि वैशाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है। भगवान मदमहेश्वर के कपाट 20 मई को 11 बजे कर्क लगन में तथा भगवान तुंगनाथ के कपाट 10 मई को दोपहर 12 बजे कर्क लगन में ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें। भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में वैशाखी पर्व पर घोषित तिथि के अनुसार 7 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मक्कूमठ से रवाना होगी तथा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गांव के मध्य भूतनाथ मन्दिर पहुंचेगी जहां पर स्थानीय भक्तों द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित कर विशाल पुणखी मेले का आयोजन किया जायेगा। 8 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर में ही भक्तों को दर्शन देगी। 9 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। 10 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए तुंगनाथ धाम पहुंचेगी तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर भगवान तुंगनाथ के कपाट दोपहर 12 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें। वही दूसरी ओर भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में वैशाखी पर्व पर पंचाग गणना के तहत घोषित तिथि के अनुसार 16 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां गर्भ गृह से सभा मण्डप में विराजमान होगी तथा स्थानीय भक्तों द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित किया जायेगा। 17 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली सभा मण्डप में ही भक्तों को दर्शन देगी। 18 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना होगी तथा डगवाडी, ब्राह्मण खोली,मंगोलचारी,सलामी फापज,मनसूना,राऊलैंक,उनियाणा यात्रा पड़ावों पर भक्तों को दर्शन देते हुए रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी। 19 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रासी से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी। 20 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली बनातोली,खटारा,नानौ,मैखम्भा,कूनचटटी यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी तथा भगवान मदमहेश्वर चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर ठीक 11 बजे कर्क लगन में भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें। वैसाखी पर्व पर ओंकारेश्वर मन्दिर में दोपहर बाद भगवान बूढा़ मदमहेश्वर के पुष्पक विमान ने भक्तों को दर्शन दिये तथा भक्तों द्वारा पुष्पक विमान पर जौ की हरियाली व अनेक प्रजाति के पुष्प अर्पित कर मनौती मांगी। इस मौके पर मन्दिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,कार्यधिकारी आर सी तिवारी,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण,प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग,बागेश लिंग,टी गंगाधर लिंग,वेदपाठी,यशोधर मैठाणी,विश्व मोहन जमलोकी,देवानन्द गैरोला,पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शिवानन्द पंवार,मदन सिंह पंवार,थानाध्यक्ष मुकेश चौहान,तुंगनाथ धाम प्रबन्धक बलवीर नेगी,प्रधान विजयपाल नेगी,सतीश मैठाणी,हरिवल्लभ मैठाणी,मुकेश मैठाणी,चन्द्रमोहन बजवाल,कृष्ण वल्देव मैठाणी सहित विद्वान आचार्य व हक-हकूकधारी मौजूद थे।