केदारघाटी में स्थित सिद्धपीठ कालीमठ तीर्थ में चैत्र नवरात्रि में श्रद्धालु भक्तगणों का लगा तांता

प्रदीप कुमार

ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। केदार घाटी के सभी शक्तिपीठों में चैत्र नवरात्रों के प्रथम दिन भगवती दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की गयी। चैत्र नवरात्रों के प्रथम दिन ही सभी शक्तिपीठों में भक्तों की भारी भीड़ रही। विद्वान आचार्यों की वेद ऋचाओं,भक्तों की जयकारों तथा महिलाओं के धार्मिक भजनों से सभी शक्तिपीठों का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। चैत्र नवरात्रों के प्रथम दिन सिद्धपीठ कालीमठ,कोटी माहेश्वरी,चामुण्डा देवी,काली शिला,राकेश्वरी मन्दिर,राजराजेश्वरी मन्दिर सहित सभी शक्तिपीठों में सैकड़ों भक्तों ने पूजा-अर्चना कर मनौती मांगी तथा विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि पावन पतित सरस्वती नदी के किनारे बसे सिद्धपीठ कालीमठ में भी सैकड़ों भक्तों ने पूजा-अर्चना कर विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की है। सिद्धपीठ कालीमठ व कोटि माहेश्वरी तीर्थ में प्रति दिन सैकड़ों भक्तों की आवाजाही होने से कालीमठ घाटी के विभिन्न हिल स्टेशनों पर रौनक बनी हुई है। कालीमठ मन्दिर के प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित ने बताया कि चैत्र नवरात्रे के प्रथम दिन सैकड़ों भक्तों ने सिद्धपीठ कालीमठ में पूजा-अर्चना कर मनौती मांगी। उन्होंने बताया कि कालीमठ तीर्थ में भगवती दुर्गा के तीनों रुपों की पूजा होने से श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। बताया कि मन्दिर समिति द्वारा कालीमठ तीर्थ को भव्य रूप से सजाया गया है। वेदपाठी रमेश चन्द्र भट्ट ने बताया कि सिद्धपीठ कालीमठ तीर्थ में भगवती दुर्गा के महाकाली,महालक्ष्मी,महासरस्वती तीनों रूपों की पूजा एक साथ होने से महाकाली तीर्थ में पूजा का अधिक महत्व है। पण्डित दिनेश चन्द्र गौड़ ने बताया कि सिद्धपीठ कालीमठ में युगों से प्रज्ज्वलित धुनी की भस्म धारण करने से मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि केदारखण्ड में सिद्धपीठ कालीमठ तीर्थ की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। मन्दिर कार्यधिकारी आर.सी.तिवारी ने बताया कि चैत्र नवरात्रो के प्रथम दिन सिद्धपीठ काली शिला में भी सैकड़ों भक्तों ने पूजा-अर्चना की। राकेश्वरी मन्दिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि चैत्र नवरात्रो के पावन अवसर पर राकेश्वरी मन्दिर में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है।