रमजान के 27 वें रोजे पर मस्जिदों में हुआ कलाम पाक मुकम्मल,मांगी गई खैरों बरकत की दुआएं

रुड़की।मदरसा अरबिया रहमानिया,जामा मस्जिद में रमजान के महीने की विशेष नमाज तरावीह का समापन मुकम्मल कुरान-ए-पाक होने पर किया गया।पिछले कई वर्षों से नगर की बड़ी जामा मस्जिद में हाफिज ओवैस अहमद कुरान पाक सुना रहे हैं।कुरान शरीफ के मुकम्मल होने पर मुफ्ती मोहम्मद सलीम और मदरसे के मौलाना अजहरुल हक ने हाफिज ओवैस अहमद को मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि वे लोग खुश किस्मत है,जिनके सीने में कुरान महफूज है।उन्होंने कहा के कुराने पाक सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं,बल्कि पूरी इंसानियत के लिए निजात का पैगाम देता है।कुराने पाक बुराई से बचने और अच्छाई पर चलने की तरकीन देता है।संदेश देता है।समाजसेवी मौफीक अहमद ने कहा की हम सब खुशकिस्मत हैं कि हमें पूरे रमजान कुराने पाक सुनने का मौका मिला।उन्होंने हाफिज ओवैस अहमद को शाल,मिठाई व नजराऐ पेश करके सम्मानित किया।मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने देश में अमनो सलामती के साथ-साथ मुसलमानों में बुराइयों को रोकने से बचने की दुआ कराई।इसके अलावा निकटवर्ती रामपुर में भी मस्जिद रहीमीया में हाफिज मोहम्मद हारून ने कलाम-ए-पाक सुनाया।इस मौके पर डॉक्टर मोहम्मद मतीन, अताउर रहमान अंसारी,जाकिर त्यागी,हाजी चुन्नू भाई,जान मोहम्मद मोहम्मद,मोहम्मद मुस्लिम,शमशाद अली, इश्तियाक अहमद,मोहम्मद मोइन,मोहम्मद मोहसिन व
मकीन आदि मौजूद रहे।