प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड की ऐतिहासिक सांस्कृतिक धर्मनगरी के निकट देवलगढ़ स्थित मां भगवती गौरा देवी के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर में हर वर्ष बैसाखी के दिन एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मां भगवती गौरा देवी विकास खण्ड खिर्सू के कहीं स्थानीय गांवों की कुलदेवी है। आज मां भगवती गौरा देवी मंदिर समिति की मेला तैयारियों को लेकर एक बैठक गौरा मंदिर के प्रांगण में आयोजित हुई। जिसमें मंदिर समिति के मंगल सिंह ने बताया कि वैशाख संक्रांति और ज्योतिष गणना व पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल 2024 को मां भगवती गौरा देवी मेला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें काल भैरवनाथ के निशान के साथ मां भगवती गौरा का झूला अपराहन 3 बजे झूलाया जाने का निर्णय लिया गया है।
देवलगढ़ में मां गौरा देवी के दर्शन के लिए दूर-दूर से हजारों भक्त श्रद्धालु आशीर्वाद ग्रहण करने आते हैं और मां भगवती गौरा देवी सभी आए हुए भक्तों के रोग व्याधि,दुख,संतान,वैभव,कीर्ति, यस व ज्ञान का आशीष देती है। इस ऐतिहासिक मेले में सुरालगांव,सुमाड़ी,स्वीत इत्यादि गांवों से ढोल-दमाऊ के साथ भक्तजन मां गौरा के संकीर्तन करते नाचते-गाते भजन करते हुए मां भगवती गौरा देवी मंदिर परिसर में पहुंचेंगे और हजारों की संख्या में भक्तजन दूर दराज से मां गौरा देवी के दर्शन पूजन हेतु देवलगढ़ पहुंचेंगे मेले में भंडारे की व्यवस्था सुरालगांव के ग्रामवासियों द्वारा किया जाएगा।
बैठक में मां भगवती गौरा देवी मंदिर समिति के सदस्य एवं पदाधिकारीयों में जे.पी.काला, रूकम सिंह रावत,कुलदीप चौहान,मंगल सिंह,विपिन धनाई,रमेश पवार,जसवंत धनाई,राजेश कुमार,दिनेश कपरुवाण आदि लोग उपस्थित रहे।