भगवान कृष्ण और रुक्मणी विवाह व महात्म्य के साथ ही गौ कथा के सातवें सोपान के बाद हवन यज्ञ हुआ संपन्न   

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। भगवान कृष्ण और रुक्मणी विवाह और गौ महात्म्य के साथ ही आज गौ कथा के सातवें सोपान की समाप्ति और तदनुसार श्रीमद् भागवत गौ कथा ज्ञान यज्ञ की पूर्णाहुति हो गई।
कंसमर्दनी मार्ग स्थित बंधन वेडिंग प्वाइंट मे,व्यास साकेतानन्द भट्ट महाराज ने आज ‘श्रीमद् भागवत गौ कथा’ के सप्तम् अस्थाइका मे प्रवेश किया।उन्होंने कहा कि मानस मे बाबा तुलसीदास ने कहा है कि, “सात्विक श्रद्धा धेनु सुहाई,” श्रद्धा,मा भगवती गौरी है,श्रद्धा सभी धर्मों का प्रारंभ है। जहां सात्विक श्रद्धा है,वहीं ‘धेनु’ रहेगी और जहां धेनु होगी वहीं सद्बुद्धि, विवेक, सुख, समृद्धि, सम्पन्नता होगी। व्यास ने आज भी भगवान श्रीकृष्ण को गोकुल की वीथियों मे घुमाया। जहां गौकुल है वहीं भगवान होते हैं, इसलिए प्रत्येक मानव को अपना घर, अपना हृदय, मन और मस्तिष्क को ‘गोकुल’ बना लेना चाहिए, ताकि इन सारे स्थानों में भगवान का वास रहे।
नंद गृह और गोकुल में भगवान द्वारा की गई बालपन की विभिन्न लीलाओं,विशेषतः माता यशोदा द्वारा भगवान को बांधना व यमलार्जुन (कुबेर पुत्र नल कूबर) का उद्धार,माटी आहार,माखन छाछ के लिए कन्हैया का मचलना और गोपियों का कन्हैया को रिझाना और नचवाना,गोपियों का अपने श्याम के प्रति समर्पण, गोकुल मे कन्हैया के प्रति लगातार उत्पाद होते रहने से भगवान सहित समस्त गोकुल वासियों का गोकुल छोड़ वृंदावन आना,धेनु चारण,ग्वाल बालों के साथ क्रीड़ा,ब्रह्मा का मोह ग्रसित होना,कालिया मर्दन,कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों के वध,गोवर्धन लीला और अन्ततः वृंदावन छोड़ भगवान का मथुरा के लिए प्रस्थान,आदि लीलाओं ने सभी का मन मोह लिया।
गौ हमारे जीवन में अवश्य होनी चाहिए। गौ से ही हमारा जीवन भी है।
गौ संरक्षण संवर्धन के साथ ही कथा व्यास ने मनुष्य और गौ के अस्तित्व बचाने के लिए पालीपालीथीन के पूर्ण बहिष्कार का आह्वान भी किया।
मुख्य यजमान आनन्द सिंह भण्डारी ने ही आज कथा पूजा मे भाग लिया,जबकि पूजा पश्चात हवन यज्ञ मे गणेश जोशी न्यू डांग,एडवोकेट पंकज बहुगुणा,प्रकाश रावत,गौ सेवक सूर्य प्रकाश नौटियाल,केमिस्ट,निवासी भक्तिराणा,राजेंद्र प्रसाद बड़थ्वाल,गोला बाजार राजेंद्र भण्डारी,निवासी-बडियारगढ,पंकज बहुगुणा श्रीकोट ने मुख्य यजमान के साथ हवन यज्ञ सम्पन्न किया।
अपरान्ह 3.30 से सांय 6.50 तक अपार जन समूह टकटकी लगाए मंत्र मुग्ध हो कर कथा प्रवाह में गोते लगाते रहे।
कल 3 अप्रैल को ब्यास व आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों के समापन उद्बोधन के साथ ही भण्डारे के आयोजन पश्चात इस अष्ट दिवसीय श्रीमद् भागवत गौ कथा ज्ञान यज्ञ का समापन हो जायेगा।