प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ के निदेशक प्रो.राजीव आहूजा ने सोमवार को एनआईटी,उत्तराखंड का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संकाय सदस्यों के और शोध छात्रों के बातचीत की और उन्हें अनुसन्धान,नवप्रवर्तन और टीचिंग लर्निंग कौशल के गुर बताये।
संकाय सदस्यों के साथ विचार विमर्श के दौरान प्रोफेसर आहूजा ने शोधकर्ताओं,शिक्षाविदों और उद्योग के पेशेवरों को शामिल करते हुए अंतःविषय सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा की सामूहिक ताकतें तब उभरती है जब विविध विशेषज्ञता वाले लोग साझा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करते हैं। शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, संगठनों और शिक्षा संस्थानों के आपसी विश्वास और सहयोग के साथ काम करने से अनुसंधान और विकास को व्यापक रूप से बढ़ावा मिलेगा।
जमीनी स्तर पर नवाचार और अनुभवात्मक शिक्षा की संस्कृति को अपनाने पर जोर देते हुए प्रोफेसर आहूजा ने कहा कि अनुसंधान को एक नौकरी के रूप में नहीं बल्कि एक जुनून के रूप में लिया जाना चाहिए। सहयोगात्मक अनुसंधान का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा की एक इकाई के रूप में काम करते रहने से देश की समस्याओं का समाधान संभव नहीं इसलिए हमें दृढ़ संकल्प और मजबूत प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्र कि समस्याओं के समाधान के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
प्रोफेसर आहूजा ने आगे कहा कि शोध कार्यों के लिए वित्तीय अनुदान की कमी नहीं है, आवश्यक है की शोध प्रासंगिक और समाज के लिए उपयोगी होनी चाहिए। डिजिटल प्रौद्योगिकियों के बढ़ते प्रचलन को लेकर प्रोफेसर आहूजा ने कहा कि आवश्यक तकनीकी ज्ञान और कौशल से लैस लोगो के लिए कृषि,फूड प्रोसेसिंग,सेमीकंडक्टर उद्योग,आर्टिफीसियल इंटेलिजंस जैसे क्षेत्र में काम करने की अपार संभावनाएं है।
इस अवसर पर प्रोफेसर आहूजा ने एनआईटी, उत्तराखंड के छात्रों को आईआईटी रोपड़ का भ्रमण करने पर वह की प्रयोगशाला सुविधाओं का उपयोग करने का भी आश्वाशन दिया।
कार्यक्रम के अंत में एनआईटी, उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रोफेसर राजीव आहूजा को एनआईटी,उत्तराखंड आने का आमंत्रण स्वीकार करने और अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आभार व्यक्त किया। प्रोफेसर अवस्थी ने बताया की प्रोफेसर राजीव आहूजा भारत के शीर्ष 5 वैज्ञानिकों में से एक हैं और आईआईटी रोपड़ में शामिल होने से पूर्व 30 से अधिक वर्षों तक उन्होंने उप्साला विश्वविद्यालय, स्वीडन में काम किया है। उनके पास एक हजार से भी ज्यादा रिसर्च पब्लिकेशंस हैं। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर आहूजा का यह दौरा विगत वर्ष एनआईटी,उत्तराखंड और आईआईटी रोपड़ के मध्य शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ किये गए समझौता ज्ञापन(एमओयू ) के तहत आयोजित किया गया था।
प्रोफेसर अवस्थी ने आशा व्यक्त कि एनआईटी,उत्तराखंड और आईआईटी रोपड़ की साझेदारियां फलती-फूलती रहेंगी और दोनों संस्थानों के साथ साथ उत्तराखंड और आम जनमानस के दीर्घकालिक विकास में योगदान देंगी।