राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर के निदेशक प्रो.ललित कुमार अवस्थी ने प्रोजेक्ट अनुदान व शिक्षा जगत में एनआईटी उत्तराखंड को नई पहचान दिलाई*

*प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने संकाय सदस्यों को प्रोजेक्ट लिखने और पेटेंट दाखिल करने के लिए सदैव प्रोत्साहित किया है,जिसके परिणामस्वरूप संस्थान को न केवल प्रोजेक्ट अनुदान मिलने में वृद्धि हुई है,बल्कि शिक्षा जगत में एनआईटी,उत्तराखंड को नयी पहचान मिली है।

इसी क्रम में संस्थान के संकाय सदस्यों को लगभग 36 लाख 72 हजार रूपये के बाहरवी वित्त पोषित अनुसंधान और विकास परियोजना अनुदान से सम्मानित किया गया है।
सोमवार को घोषित परिणाम में कोर रिसर्च ग्रांट स्कीम के तहत डीएसटी(एसईआरबी) द्वारा शोध कार्यों के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डॉ.लालता प्रसाद(प्रधान अन्वेषक),डॉ.नीरज कुमार मिश्र (सह-प्रधान अन्वेषक) को लगभग 24 लाख रूपये और गणित विभाग के डॉ. कुलदीप शर्मा को 12 लाख 72 हजार रूपये के परियोजना अनुदान की मंजूरी दी गयी है।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अवस्थी ने संस्थान के लिए प्रतिष्ठित परियोजना हासिल करने के लिए डॉ.कुलदीप शर्मा, डॉ.लालता प्रसाद,डॉ.नीरज कुमार मिश्र को हार्दिक बधाई दी और कहा की पूरे एनआईटी उत्तराखंड परिवार के लिए यह गर्व की बात है। ऐसी वित्त पोषित परियोजनाएं संस्थान को शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।
प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि एक तकनीकी संस्थान होने के नाते एनआईटी उत्तराखंड का लक्ष्य और उद्देश्य आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। ऐसी परियोजनाएं अनुसंधान और विकास के लिए नए अवसर पैदा करती साथ ही इनसे जो नतीजे निकलकर आते है वे जान सामान्य के जीवन को सुविधाजनक बनाती हैं।
उन्होंने संस्थान के संकाय सदस्यों का आह्वाहन किया की उन्हें एनआईटी उत्तराखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विश्वसनीय स्थान हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।
डॉ.लालता प्रसाद,डॉ.नीरज मिश्रा को यह अनुदान तीन वर्षों की अवधि के लिए उत्तराखंड के भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों में टिकाऊ संरचना के अनुप्रयोग के लिए ग्रेविया ऑप्टिवा/बेसाल्ट फाइबर आधारित पॉलिमर कंपोजिट का डिजाइन और विकास नामक उनकी परियोजना के लिए कोर अनुसंधान अनुदान योजना के तहत डीएसटी (एसईआरबी) द्वारा 24 लाख रुपये (लगभग) के कुल परिव्यय के साथ प्रदान किया गया है। अनुसंधान प्रस्ताव का उद्देश्य उत्तराखंड के भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों में हल्के वजन की निर्माण सामग्री के अनुप्रयोगों को बढ़ाकर पहाड़ी क्षेत्रों में संरचना के वजन को कम करना और संवेदनशील पहाड़ी क्षेत्रों में भारी निर्माण सामग्री ले जाने में उच्च परिवहन लागत और श्रम शुल्क को कम करना है।
डॉ.कुलदीप शर्मा को 12 लाख 72 हजार रूपये के परियोजना अनुदान तीन वर्षों की अवधि के लिए उनकी एक्सटेंडेड फिनिट एलिमेंट मेथड फॉर समीपर्मियबल नॉनलीनिअर फ्रैक्चर मॉडल्स इन स्मार्ट मैटेरियल्स मैथमेटिकल एनालिसिस एंड सिमुलेशन नामक परियोजना के लिए प्रदान किया गया है। परियोजना का मूल उद्देश्य स्मार्ट सामग्रियों में फ्रैक्चर मॉडल में दरार की स्थिति का अध्ययन करने के लिए तकनीक विकसित करना है।
कुलसचिव डॉ.हरि मौल आजाद ने संकाय सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि एनआईटी उत्तराखंड को शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अनुदान प्राप्त करने वाले देश भर के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है बेहतर परिणाम और नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए सदैव प्रतिबद्ध हैं।