प्रदीप कुमार
अगस्त्यमुनि/श्रीनगर गढ़वाल। मकर संक्रांति के अवसर पर केंद्रीय विद्यालय अगस्तमुनि में छात्र छात्राओं के ज्ञानवर्धन हेतु “आदित्य L1” विषय पर व्याख्यान हेतु विषय विशेषज्ञ एवं मुख्य अतिथि भौतिक विज्ञान की प्राध्यापक डॉ.दीपाली रतूडी को आमन्त्रित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्य अदिति नेगी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया।
डॉ.दीपाली ने उक्त विषय पर बहुत ही रोचक जानकारी के साथ-साथ छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों के प्रश्नों का जवाब दिया।
अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि सूर्य हमारे सबसे नजदीक का एक रहस्यमयी सितारा है जिसकी ऊर्जा से ही धरती पर जीवन सम्भव है। सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है और इसकी गतिविधि के साथ साथ इसकी बनावट, सौर-चक्र के रहस्य को समझकर हम ब्रहमांड के निर्माण और भविष्य को समझ सकते है । सूर्य से धरती पर विभिन्न प्रकार के आवेशित कण और वैद्युत चुंबकीय तरंगें लगातार पहुंचती रहती है जिनके प्रभाव को समझना हमारे लिए आवश्यक है।
“आदित्य L1” मिशन सूर्य के रहस्य को समझने के लिये भारत की एक महत्वकांक्षी परियोजना है। यह उपग्रह धरती और पृथ्वी के बीच की कुल दूरी का 1 प्रतिशत अर्थात धरती से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है और इस दूरी को ही लैग्रैंज बिंदु L1 कहा जाता है, इस दूरी पर पहुंचाया गया आदित्य L1 पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष हमेशा एक ही जगह पर अवस्थित रहेगा और दिन रात सूर्य का अध्ययन करेगा।
डॉ.दीपाली रतूडी ने सूर्य के अध्ययन के लिया अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी “नासा” के द्वारा भेजे गये उपग्रह सोलर पार्कर के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
उक्त विषय पर विद्यालय के शिक्षकों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये।
अंत में स्वाति ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी का धन्यवाद किया।