*प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान एनआईटी, उत्तराखंड ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) भारत सरकार और आईआईटी रुड़की की संयुक्त पहल के तहत स्थापित आई हब दिव्य संपर्क के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। आईआईटी रूड़की में आयजित एक औपचारिक समारोह के दौरान प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी, निदेशक एनआईटी, उत्तराखंड और आईआईटी रुड़की के आईहब दिव्य संपर्क के सीईओ मनीष आनंद ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
हस्ताक्षर के बाद समझौता ज्ञापन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि ये समझौता साइबर-फिजिकल सिस्टम (सीपीएस) के क्षेत्र में एक साथ काम करने तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड एनआईटी.यूके और आई हब दिव्य संपर्क के बीच साइबर भौतिक प्रणालियों (सीपीएस) से संबंधित नवाचार और साझेदारी के अवसरों का पता लगाने के लिए किया गया है । समझौते के तहत नेटवर्किंग के अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सहयोगी ढांचा स्थापित करने एवं समग्र नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सक्रिय करने के लिए दीर्घकालिक रणनीतिक संबंधों के निर्माण पर विचार किया जायेगा । इसके अतिरिक्त उद्यमिता विकास 4.0 के अनुरूप प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के और साइबर-भौतिक प्रणालियों और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में प्रशिक्षण एवं विकास कार्यक्रमों पर भी जोर दिया जाएगा।
प्रोफेसर अवस्थी ने बताया की समझौते में उल्लिखित अनुबंधों के हिसाब से आई हब दिव्य संपर्क राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड एनआईटी.यूके में अपना विस्तार केंद्र स्थापित करने की संभावना तलाशेगा। इसके अलावा एनआईटी के छात्रों और संकाय सदस्यों द्वारा विकसित साइबर भौतिक प्रणाली से संबंधित अच्छी गुणवत्ता वाले पेटेंट / परियोजनाओं / प्रकाशनों की पहचान करने और उन्हें सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करने वाले वास्तविक उत्पाद में परिवर्तित करने में सहयोग प्रदान करेगा । साथ ही आई हब दिव्यसंपर्क सीपीएस डोमेन में कुछ लाभकारी परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी निर्णय ले सकता है ।
समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर के बाद तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा उसके बाद इसे दोनों प्रतिभागियों की आपसी सहमती से नवीनीकृत किया जा सकता है।
इस मौके पर एनआईटी की तरफ से एवं डॉ.नितान्शू चौहान (समन्वयक आई हब दिव्य सम्पर्क) तथा डॉ.हरदीप एवं आई हब दिव्यसम्पर्क के वरिष्ठ प्रोग्राम मैनेजर प्रतीक शर्मा मौजूद थे।