प्रदीप कुमार
ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। कालीमठ घाटी की ग्राम पंचायत कोटमा के खोन्नू गाँव में आगामी 1 दिसम्बर से 12 दिसम्बर तक 16 वर्षों बाद बगड़वाल नृत्य का आयोजन किया जायेगा। 12 दिवसीय बगड़वाल नृत्य के सफल आयोजन के लिए ग्रामीणों द्वारा विभिन्न समितियों का गठन कर जिम्मेदारियां सौपी गयी है। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि कल से शुरू होने वाले बगड़वाल नृत्य की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है तथा 16 वर्षों बाद आयोजित होने वाले बगड़वाल नृत्य के आयोजन से ग्रामीणों में भारी उत्साह बना हुआ है। जानकारी देते हुए बगड़वाल नृत्य कमेटी संरक्षक लक्ष्मण सिंह सत्कारी ने बताया कि शुक्रवार से शुरू होने वाले 12 दिवसीय बगड़वाल नृत्य की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है तथा 16 वर्षों बाद आयोजित होने वाले बगड़वाल नृत्य के आयोजन को लेकर ग्रामीणों में भारी उत्साह बना हुआ है। अध्यक्ष दिनेश सत्कारी ने बताया कि केदार घाटी व कालीमठ घाटी में बगड़वाल नृत्य की परम्परा युगों पूर्व की है तथा बगड़वाल नृत्य के आयोजन से क्षेत्र में खुशहाली बनी रहती है तथा ग्रामीणों में भाईचारा बढ़ता है! उपाध्यक्ष केदार सिंह सत्कारी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य जीतू बगड़वाल की जीवन लीला पर आधारित है। सचिव प्रताप सिंह सत्कारी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में खेट पर्वत पर ऐडी़-आछरियो द्वारा जीतू बगड़वाल का हरण करना तथा 6 गते आषाढ धान की रौपाई मुख्य आकर्षण रहता है। कोषाध्यक्ष प्रताप सिंह सत्कारी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में जीतू बगड़वाल, छोटा बगड़वाल, सोबनी, शाली भरणा, मौली कामेण सहित विभिन्न पश्वाओ का नृत्य भाव विभोर कर देता है। पण्डित सत्यानन्द भटट् ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में जीतू बगड़वाल का जंगल भ्रमण, बासुरी वादन, सोबनी का बुलावा सहित अनेक पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया जाता है। पण्डित प्रेम प्रकाश भटट् ने बताया कि बगड़वाल नृत्य का आयोजन समय-समय पर विभिन्न गांवों में किया जाता है। महिला मंगल दल अध्यक्ष सीता देवी, प्रदीप सिंह सत्कारी, बिक्रम सिंह सत्कारी, यशवन्त सिंह सत्कारी, राजेन्द्र सिंह सत्कारी, अरूण सिंह सत्कारी, सतीश सत्कारी सहित खोन्नू गाँव के सभी ग्रामीणों ने 12 दिवसीय बगड़वाल नृत्य में कालीमठ घाटी के जनमानस से सहभागिता का आवाहन किया है।