प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। कालिदास जन्म भू स्मारक समिति कविल्ठा, रुद्रप्रयाग द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय सम्मेलन में हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद् श्रीनगर गढ़वाल के दस सदस्यीय दल ने सहभागिता की।दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ०सुलेखा डंगवाल कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित रहीं। पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल की प्रोफेसर उमा मैठाणी की अध्यक्षता में संपन्न हुए सम्मेलन में (पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीनगर गढ़वाल) कृष्णा नंद मैठाणी विशिष्ट अतिथि तथा महत्वपूर्ण शोध-पत्र वाचनकर्ता डॉ०प्रकाश चमोली, नीरज नैथानी,अजय चौधरी, माधुरी नैथानी, कौशल्या नैथानी, प्रणव नैथानी,कु०प्रतिष्ठा नैथानी,कु०समीक्षा नैथानी आदि उपस्थित रहे। सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में विद्वानों द्वारा महान कवि कालिदास जी के जीवन वृत्त, साहित्य सृजन एवं विश्व स्तर पर स्थापित होने के कतिपय पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर कालीमठ के वेदपाठी महेश भट्ट,समिति के महा सचिव सुरेश नन्द गौड़,अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह रावत, प्रसिद्ध कवियत्री उपासना सेमवाल, वरिष्ठ पत्रकार विपिन सेमवाल की गरिमामयी उपस्थिति उल्लेखनीय रही। मंच का कुशल संचालन सुरेशानंद गौड़ ने प्रभावशाली संस्कृत भाषा में किया।
हिमालयन साहित्य एवं कला परिषद् श्रीनगर गढ़वाल के सदस्यों द्वारा सिद्ध पीठ कालीमठ तथा रुक्ष महादेव तीर्थस्थली में पूजा-अर्चना एवं ग्रामीण पर्यटन का आनंद भी लिया गया।समारोह के विभिन्न सत्रों में समीपस्थ क्षेत्र के विद्यालयों(राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कालीमठ,रा प्राथमिक विद्यालय कविल्ठा,दीप चिल्ड्रेन एकेडमी गुप्त काशी,इंटर कॉलेज गुप्तकाशी आदि)के छात्र छात्राओं तथा महिला मंगल दल की सदस्यों द्वारा लोक संस्कृति का प्रभावी प्रस्तुतीकरण किया गया। ग्राम प्रधान चौमासी भगत सिंह तिंदोरी,सदानंद कोटियाल,अभियंता के.के.श्रीवास्तव तथा समिति के समर्पित सदस्यों के सहयोग से सम्पूर्ण कार्यक्रम उत्कृष्ट स्तर पर संपादित हुआ।