प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए सतत प्रयत्नशील है और तदनरूप संस्थान के शैक्षणिक ढांचे सुधारात्मक परिवर्तन भी कर रहे है। इस सन्दर्भ में संस्थान ने वृहस्पतिवार 23 नवम्बर को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। यह समझौता ज्ञापन संस्थान के श्रीनगर परिसर में स्थित ससम्मेलन कक्ष में किया गया जिस पर एनआईटी, उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी और सी-डैक के कार्यकारी निदेशक डॉ. एस.डी. सुदर्शन ने हस्ताक्षर किया।
समझौता ज्ञापन पर चर्चा करते हुए प्रोफेससर अवस्थी ने कहा कि “सी-डैक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत संचालित स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी है । सी-डैक के साथ यह समझौता ज्ञापन उद्योग-अकादमिक साझेदारी को बढ़ावा देने के साथ-साथ सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों में उच्च कोटि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया है ताकि कैरियर उन्मुख आईटी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को आईटी उद्योग की आवश्यकताओं के आधार पर अपने कौशल को विकसित करने में मदद मिल सके । उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन में अनुसंधान और विकास के लिए दोनों संगठनों के बीच रणनीतिक सहयोग और सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों में उच्च प्रशिक्षण कार्यक्रमों जिसमें मुख्य रूप से उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग, क्लाउड और ग्रिड कंप्यूटिंग और उनके अनुप्रयोग; बहुभाषी कंप्यूटिंग और इसके अनुप्रयोग; सामरिक इलेक्ट्रॉनिक्स और इसके अनुप्रयोग; डेटा सुरक्षा और साइबर फोरेंसिक सहित साइबर सुरक्षा आदि शामिल है की परिकल्पना की गई है।
प्रोफेसर अवस्थी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि उद्योग और संस्थान काफी पहले से परस्पर सहयोग कर रहे हैं, लेकिन वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था के उदय ने रणनीतिक साझेदारी की आवश्यकता को तेज कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के तहत सी-डैक उभरती प्रौद्योगिकी विकास, उत्पादीकरण और ज्ञान साझा करने से संबंधित क्षेत्रों में एनआईटीयूके के साथ सहयोगात्मक नवाचार का पता लगाएगा और स्वचालन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के क्षेत्र में विशेषज्ञता सहित ज्ञान, कौशल के आदान-प्रदान के लिए भी सहयोग करेगा। इसके अलावा इस समझौते में परियोजनाओं, इंटर्नशिप और प्लेसमेंट आदि के लिए छात्रों / संकाय के आदान-प्रदान, इंजीनियरिंग में व्यावहारिकता को आगे बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम विकास पर सुझाव देना ,पाठ्यचर्या में निर्धारित प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए तकनीकी सलाह प्रदान करना एवं उचित दरों पर पाठ्यक्रम में सुनिश्चित हार्डवेयर और प्रशिक्षण प्रदान करना भी शामिल है ।
डॉ. एस.डी. सुदर्शन ने समझौता ज्ञापन पर हर्ष जताते हुए कहा कि सी-डैक के प्रशिक्षण कार्यक्रम नवीनतम प्रौद्योगिकियों को ध्यान में रखते हुए विकसित किए गए हैं। इस समझौते के तहत एनआईटी उत्तराखंड के छात्रो को उभरती प्रौद्योगिकी प्रवृत्तियों के बारे में शिक्षित किया जाएगा जिससे छात्र खुद को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में स्थापित करने में सक्षम होंगे।
समझौता ज्ञापन समारोह में एनआईटी, उत्तराखंड के प्रभारी कुलसचिव डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी, डॉ सनत अग्रवाल (डीन आर एंड सी), अन्य संकाय सदस्य एवं छात्र मौजूद थे ।