78 साल की उम्र में MA: अगर आपमें सीखने का जुनून है तो उम्र कभी बाधा नहीं बनती

78 साल की उम्र में MA: अगर आपमें सीखने का जुनून है तो उम्र कभी बाधा नहीं बनती,

हरिशंकर सैनी

देहरादून – सैनिक किसी भीं मोर्चे पर लगता है तो वह फतह हासिल हर हाल में हासिल करता है ,

ऐसे ही एक योद्धा है पूर्व सैनिक सिद्धि लाल विद्यार्थी जी जिन्होंने अपनी आयु के 78 वें पड़ाव पर पोस्ट ग्रेजुएशन परीक्षा पास कर मिसाल पेश की है,

देहरादून के सहस्त्रधारा रोड राजेश्वर नगर निवासी सिद्धि लाल विद्यार्थी ने स्नातक 2021 में BA पूरा किया था।

78 साल की उम्र में पोस्ट ग्रेजुएशन उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से की है,
श्री सिद्धि लाल विद्यार्थी जी का जीवन बचपन से बहुत ही अभाव में गुजरा, 12वीं के बाद रोजगार की तलाश में लग गए , इस दौरान आईटीबीपी की भर्ती प्रक्रिया मैं शामिल हुए और भर्ती हो गए इससे पहले उन्होंने वन सेवा की परीक्षा दी परीक्षा परिणाम देरी से तब आया जब उन्हें आईटीबीपी मैं 6 माह सर्विस करते हुए बीत चुके थे और वन सेवा मे भी श्री सिद्धि लाल विद्यार्थी जी का पहला नंबर आया था,
उन्होंने देश सेवा के लिए आइटीबीपी को प्राथमिकता दी,
पढ़ने की इच्छा हमेशा जागृत रही और देश और परिवार की जिम्मेदारियां पर चलते उच्च शिक्षा उनके लिए सपना बनकर रह गई थी,
सभी जिम्मेदारियां को पूरा करने के बाद वर्ष 2018 में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र डीडी कॉलेज सेंटर के माध्यम से बी ए में एडमिशन लिया और वर्ष 2021 में बी ए फाइनल वर्ष की परीक्षा पास की, उसके बाद मां में प्रवेश लिया और वर्ष 2023 में एम ए फाइनल वर्ष की परीक्षा पास की,

श्री सिद्धि लाल विद्यार्थी जी के अनुसार, इस प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक उनकी उम्र नहीं थी, बल्कि एक मार्गदर्शक खोजने में असमर्थता थी। श्री सिद्धि लाल विद्यार्थी जी की धर्मपत्नी ने उनका उनकी शिक्षा में पूरा सहयोग किया उनका मार्गदर्शन किया है,

सिद्धी लाल विद्यार्थी जी ने कहा कि, “अगर आपमें सीखने का जुनून है, तो उम्र कभी बाधा नहीं बनती। सीखना एक सतत प्रक्रिया है चाहे उम्र, समय या वर्ष कुछ भी हो।” 1945 में पौड़ी गढ़वाल में जन्मे सिद्धि लाल विद्यार्थी जी आइटीबीपी में रहे, लेह में तैनाती के दौरान उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में काम किया और उसके लिए उनको पुरस्कृत भी किया गया, सेवानिवृत्ति के बाद समाज सेवा से जुड़े रहे हैं।
इसके अलावा सिद्धि लाल विद्यार्थी जी एक कभी भी हैं उन्होंने अब तक हजारों कविताएं लिखी हैं जो विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुई हैं, अपनी कविताओं के माध्यम से उन्होंने कई जन समस्याओं और कुरीतियों को उठाया भी है,