प्रदीप कुमार
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। आज राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा उत्तराखण्ड महिला टीम द्वारा करवाचौथ पर्व पर पुरानी पेंशन बहाली के नाम अपने हाथों में मेहंदी लगाई, महिला प्रदेश अध्यक्ष बबिता रानी, गढ़वाल अध्यक्ष रश्मि गौड़, शशि चौधरी द्वारा अवगत कराना है कि राज्य के सभी विभागों में कार्यरत अक्टूबर 2005 के पश्चात नियुक्त राजकीय पदो पर कार्यरत अधिकारी / शिक्षक / कार्मिको के लिए पुरानी जी०पी०एफ० पेंशन योजना समाप्त कर भारत सरकार द्वारा नवीन पेंशन योजना लागू की गयी है।
पूर्व में राजकीय सेवक जब अपनी 30 से 33 वर्ष की राजकीय सेवा से एक दिन जब वह विभाग से सेवानिवृत्त हो रहा होता है तो तब भी उसके जी०पी०एफ की कुछ राशि उसे मिलती है साथ ही सेवानिवृत्ति के पश्चात उसे पेंशन मिलती है जिसमें केन्द्रीय सरकार द्वारा निर्धारित किया गया डी०ए० भी जुड़ता है, जिससे वह अपना और अपने जीवनसाथी का बुढापा आराम से बिना किसी के आगे हाथ फैलाये जी रहे थे। वर्तमान में आज जो भी सरकारी सेवा में नियुक्ति पा रहा है अथवा हम सब जो अक्टूबर 2005 के पश्चात नियुक्त हुये हैं हम सभी अपने बच्चो की शिक्षा / विवाह / चिकित्सा / उच्च शिक्षा एवं पारिवारिक आवश्यकताओं को पूर्ण करने हेतु विभिन्न प्रकार के लोन बैंको से ले रहे हैं। हम सभी कार्मिको की एक ही पीडा है कि नवीन पेंशन योजना हम सभी के लिए लाभदायक नही है जबकि पुरानी जी०पी०एफ पेंशन योजना हमारे लिए हर प्रकार से लाभदायक है।
पुरानी जी०पी०एफ० पेंशन योजना हम सभी के लिए एक बहुत ही सुलझी हुई योजना थी जिससे हम सभी सेवा में रहते हुये अपने कार्यो के साथ-साथ अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर रहे थे। एन०पी०एफ० के तहत सरकार जो हमारे वेतन का अंशदान काट रही है वह पैसा देश की प्राइवेट कम्पनियों के शेयर बाजार की योजना में लगा हुआ है। यह राशि हमें किस रूप में मिलेगी यह न हमें पता है और शायद सरकार को भी नही पता। अक्टूबर 2005 के पश्चात नियुक्त एवं सेवानिवृत्त राजकीय सेवकों से ज्ञात हुआ है कि सरकार उनके वेतन से काटे गये पैसे से उनकी प्रतिमाह पेंशन दे रही है जो उन्हें 500 रूपये से 1000 रुपये तक मिल रही है।
आज की महगाई में 500 से 1000 में अपना तथा परिवार का जीवन निर्वाह करना निश्चित रूप से हम सभी राजकीय सेवको का आने वाला भविष्य अंधकार में हैं। किन्तु यदि सरकार जी०पी०एफ० पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करती है तो प्रत्येक राजकीय सेवक का भविष्य सुरक्षित होगा साथ ही अपने बच्चों को हर प्रकार की शिक्षा देने में समर्थ होंगे जो देश के विकास हेतु हर प्रकार से सहायक होंगें। प्रदेश प्रभारी विक्रम रावत्, प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत, व प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल द्वारा महिला टीम के इस प्रयास की सराहना करते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार से अपील करते हुए चेताया कि लोक सभा चुनाव 2024 नजदीक है यदि सरकार तत्काल पुरानी पेंशन बहाल कर दे वरना इसका खामियाजा भुकतना पड़ सकता है। सीताराम पोखरियाल द्वारा कहा गया कि पूर्व में निर्धारित कार्यक्रम मुख्यमंत्री आवास घेराव की जल्द बैठक करते हुए घोषणा की जाएगी। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड की मातृशक्ति द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया गया, जिसमे से अंजू पुरोहित,सीमा पुंडीर,अवंतिका,नमिता पाठक,रक्षा रतूडी,रेखा आदि महिलाओं ने कार्यक्रम मे भागीदारी की।