पांच केदाराे में तुंगनाथ धाम के कपाट 1 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे

प्रदीप कुमार

ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। पंच केदारो में सबसे ऊंचाई वाले भूभाग में विराजमान तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट बन्द होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। बुधवार को शुभ लगन के अनुसार वेद ऋचाओं व विधि – विधान से भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेगें। 26 अप्रैल से लेकर मंगलवार तक 1 लाख,33 हजार, 429 तीर्थ यात्रियों ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया! तुंगनाथ धाम में इस बार क्षमता से अधिक तीर्थ यात्रियों के पहुंचने से नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है क्योंकि इससे पूर्व तुंगनाथ धाम में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 27 हजार तक सिमटकर रह जाती थी। जानकारी देते हुए मन्दिर समिति के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती ने बताया कि भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि बुधवार को भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से रवाना होगी तथा विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए तथा सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि 2 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कू बैण्ड होते हुए हूण्हू व वनातोली पहुंचेगी जहाँ पर ग्रामीणों द्वारा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को अर्ध्य अर्पित कर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की जायेगी तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचेगी। श्रीनिवास पोस्ती ने बताया कि 3 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी तथा 4 नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा मक्कूमठ में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू होगी। डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर शै भोज का आयोजन किया जायेगा जिसकी सभी तैयारियां शुरू कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि भगवान तुंगनाथ की चारों चरणों की दिवारा यात्रा के बाद पांचवे चरण में शै भोज के आयोजन की परम्परा है तथा भगवान तुंगनाथ के चार चरणों की दिवारा यात्रा पूर्व में सम्पन्न हो चुकी है। बताया कि शै भोज को भव्य रूप देने की सामूहिक पहल की जा रही है तथा भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ को लगभग 20 कुन्तल विभिन्न प्रजाति के पुष्पों से सजाया जा रहा है। प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि तुंगनाथ धाम में इस बार 64403 पुरूष, 45621 महिलाओं, 21811 नौनिहालों व 1594 साधु सन्यासियो सहित 1 लाख 33 हजार 429 तीर्थ यात्रियों ने पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की।
साभार–वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी।