प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के द्वारा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के अंतर्गत आयोजित पांच दिवसीय पर्वतीय नाट्य समारोह के अंतर्गत शनिवार को संस्कृतिक भवन प्रेक्षागृह पौड़ी में मंचित नाटक ‘ द प्रपोजल’ का दवा बन नरेश पाल चौहान द्वारा निर्देशित नाटक ने सभी दर्शकों को अंत तक कहानी एवं उसके पात्रों से बांधे रखा यह नाटक प्रसिद्ध ऋषि लेखक द्वारा लिखा गया है यह नाटक अमीर परिवारों की अन्य अमीर परिवारों के साथ संबंधों की तलाश करने आर्थिक भावना का पालन करने विवाहों को प्रोत्साहित करके अपनी संपत्ति का विस्तार करने की प्रवृत्ति के बारे में है यह नाटक संवाद आधारित 61 और परिस्थितिजन्य हास्य है नाटक एक ऐसे युवक से शुरू होता है जो अपने पड़ोसी की बेटी के सामने शादी का प्रस्ताव रखता है लड़का और लड़की में तीसरी बहस हो जाती है फिर लड़की के पिता चर्चा में भाग लेते हैं जिससे स्थिति और भी खराब हो जाती है इस निर्णय को पूरा करने के बाद उन्होंने इस बात पर बहस की कि किसका कुत्ता बेहतर था। प्रस्ताव का निष्कर्ष यह है पता चलता है कि कैसे संपन्न परिवारों का लालच उनके बच्चों को उनके विवादों के बावजूद अपनी संपत्ति बढ़ाने के इरादे से अमीर परिवारों से शादी करने के लिए मजबूर करता है तीन लोगों का जीवन इस विवाद के इर्द-गिर्द घूमता है जो धन पर सुलझता है।
नाटक की रूपरेखा केंद निदेशक प्रो.सुरेश शर्मा ने किया।