प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में विश्व दृष्टि दिवस पर इस साल की थीम लव योर आइज एट वर्क पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के साथ ही आम लोगों को नेत्र रोग के बारे में जानकारी दी गई। बता दें कि बड़े-बुजुर्ग से लेकर छोटे बच्चे तक मोबाइल, टीवी और लैपटॉप पर लम्बे समय तक समय बिताते हैं। जिससे उनकी आंखों को सीधा असर पड़ता है और आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। आंखों के कमजोर होने के लक्षण दिखते भी हैं, लेकिन उन्हें भी लोग नजर अंदाज करते है, जो बाद में आंखों की गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। इसलिए नियमित नेत्र परीक्षण की आवश्यकता पर जागरूकता पैदा करना विश्व दृष्टि दिवस का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर लगातार मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य संबंधी डे पर जागरूकता अभियान चलाने से लेकर गोष्ठियां आयोजित की जाती है। ताकि समाज में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता आ सके। इसी के तहत विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर नेत्र रोग विभाग में आयोजित कार्यक्रम में नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. ए.एन पांडेय ने कहा कि आंखों से पानी आना, आंखों में खिंसव पैदा होना, धंधुला दिखाईदेना, आंखों में खुजली होना, लगातार सिर दर्द होना, डबल विजन, तेजी रोशनी में आंखे झिलमिलाना जैसे लक्षण होने पर आंखों की जांच करानी चाहिए। जिसके लिए मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में तमाम सुविधाएं मौजूद है। उन्होंने कहा कि विवि दृष्टि दिवस का उद्देश्य यही है कि सभी लोगों को आंखों की देखभाल, सुरक्षा और दृष्टि संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। विश्वभर में दृष्टि संबंधित समस्याओं को समाप्त करने की दिशा में संवेदना बढ़ाना है। डॉ.पांडेय ने जनमानस से अपील की कि वे नियमित रूप से आँखों का चेकअप कराएं जिससे की उम्र के साथ बढ़ने वाली बीमारियों का जल्दी से जल्दी पता लगाया जा सके। इस मौके पर डॉ.श्वेता, डॉ.धर्मेन्द्र, डॉ. जिज्ञासा, डॉ. रंग, डॉ.निकिता, डॉ.स्वीटी, डॉ.अंकिता, डा. राजीव,डॉ.योगिता आदि मौजूद थे।