देहरादून-राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) द्वारा सोमवार को पूर्णानन्द खेल मैदान मुनीकीरेती, टिहरी गढ़वाल में आयोजित राष्ट्रीय सरस आजीविका मेला-2023 में प्रतिभाग किया गया। राज्यपाल द्वारा सरस मेले में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान राज्यपाल ने प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों के स्वयं सहायता समूहों के स्टॉलों का निरीक्षण किया और महिलाओं से वार्ता कर उनके उत्पादों के संबंध में जानकारी ली।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार के राष्ट्रीय स्तर के मेले समाज और राष्ट्र को जोड़ने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि इस सरस आजीविका मेले में महिलाओं, युवाओं, कारीगरों का उत्साहवर्धन होगा साथ ही महिलाओं को अपनी कला, संस्कृति को उजागर करने का मौका भी मिलेगा, उनकी आर्थिकी में इजाफा होगा और वे अधिक सशक्त होंगी।
राज्यपाल ने विभिन्न जनपद भ्रमण के दौरान स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मिलकर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाएं हमारे परिवार की सबसे मजूबत सदस्य हैं। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देने तथा डिजिटल मार्केटिंग से जोड़ने की बात कही, ताकि उनके उत्पादों को मार्केटिंग मिले और उनकी आय में अधिक से अधिक इजाफा हो सके और दुनिया में नई पहचान मिल सके। उन्होंने उत्पादों में वैल्यू एडिशन की भी जरूरत है बताई।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि सरस मेले में ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को जोड़कर उनके कौशल और ग्रामीणों के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी मातृशक्ति अपनी आजीविका को बढ़ाकर आत्मनिर्भर बन देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में सहयोग दे रही हैं। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति के प्रयासों से ही आर्थिक क्रांति संभव है।
राज्यपाल ने कहा कि मा. प्रधानमंत्री जी ने बाबा केदारनाथ धाम से कहा कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उन्होंने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा के दौरान खर्च की जाने वाली धनराशि में से 05 प्रतिशत की धनराशि स्थानीय उत्पाद खरीदने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सभी मेले का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें और मेले में एक दूसरे से मिलकर पहचान बढ़ायें और जानकारी लेने के साथ ही लोकल उत्पादों की खरीदारी करें।