राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर में साहित्यिक क्लब द्वारा पालीटेक्निक स्थित परिसर में कवि सम्मेलन का आयोजन

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर उत्तराखंड में पालीटेक्निक परिसर स्थित साहित्यिक क्लब द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कविता मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति के लिए बेहतरीन माध्यमों में से एक है’ यह बात प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी, निदेशक, एनआईटी, उत्तराखंड ने शनिवार को कवि सम्मलेन के उद्घाटन के अवसर पर कही।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड में राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा राष्ट्रभाषा हिंदी की गरिमा और संरक्षण को बनाए रखने के लिए हिंदी पखवाड़ा 2023 का आयोजन किया गया। हिंदी पखवाड़ा के समापन समारोह के अवसर पर 30 सितम्बर को संस्थान के साहित्यिक क्लब द्वारा एक कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया।
कवि सम्मेलन का उद्घाटन समारोह पॉलिटेक्निक परिसर स्थित सभागार में आयोजित किया गया। जिसमे प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी निदेशक एनआईटी उत्तराखंड, मुख्य अतिथि डॉ.पमिता अवस्थी, एनआईटी,हमीरपुर एवं एस.के.वर्मा, प्रधानाचार्य राजकीय पॉलिटेक्निक श्रीनगर बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।
प्रोफेसर अवस्थी ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा ” कविता का इंसान की चेतना और उसकी भावनाओं से गहरा सम्बन्ध है। सुन्दर साहित्य और ललित कलाएं हमारे मन, चेतना, अनुभव, व्यवहार और प्रतिक्रिया पर सकारात्मक असर डालती है। एक प्रबुद्ध और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए कला और साहित्य की संस्कृति को बढ़ावा देना काफी महत्वपूर्ण है।
प्रोफेसर अवस्थी ने रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत गीता और रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही भारत का कविता के साथ गहरा रिश्ता रहा है। ये रचनायें अब तक लिखी गई कविता के अद्वितीय नमूनों में से हैं, जिन्हें उनके विषयों की भव्यता, उनकी असाधारण साहित्यिक ऊंचाइयों और उनके द्वारा व्यक्त संदेशों की गहराई के लिए दुनिया भर में मान सम्मान दिया जाता है।
प्रोफेसर अवस्थी ने आगे कहा कि साहित्यिक रचनायें सामाजिक रचनात्मकता का पोषण करती हैं, और साहित्यिक कलाकार जीवन को जीवंत बनाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संस्थान के सभी हितधारकों में रचनात्मकता और सृजनात्मकता कि भावना पोषित करने के लिए आज के इस कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
उक्त कवि सम्मेलन में देश विदेश में ख्याति प्राप्त कवियों ने अपनी हास्य ओर वीर और श्रृंगार रस की प्रस्तुतियों द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया l कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं कवि गणों दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
कवि सम्मेलन की शुरुआत में प्रसिद्ध गीतकार डॉ कीर्ति काले द्वारा मां शारदा की वंदना द्वारा किया गया । सम्मेलन के संचालक एवं विख्यात हास्य कवि डॉ प्रतीक गुप्ता ने अपने चुटीले संचालन और हास परिहास से श्रोताओं का मनो विनोद करते रहे। प्रख्यात कवि सौरभ जैन सुमन और वेद ठाकुर ने अपनी ओजस्वी कविताओं द्वारा श्रोताओं को देर तक रोमांचित किया। नालंदा के कवि संजीव मुकेश ने कविता के माध्यम से ग्रामीण परिवेश का सुन्दर चरिता चित्रण किया। कवि सम्मेलन के अंत में प्रख्यात वरिष्ठ कवि डॉ प्रवीण शुक्ल ने हास्य प्रस्तुति द्वारा श्रोताओं को गुदगुदाया साथ ही अपनी कविता के माध्यम से छात्रों जीवन संघर्षों का सामना करने के लिए हौसलों को बुलंद रखने का सन्देश दिया। एनआईटी में अधीक्षक (भंडार) के पद पर कार्यरत सरे प्रवीण मनवाल ने श्रृंगार रस की कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया
समारोह में प्रभारी कुलसचिव डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी, डॉ राकेश कुमार मिश्रा(एसोसिएट डीन स्टूडेंट वेलफेयर), डॉ हरिहरन मुथुसामी (डीन फैकल्टी वेलफेयर), डॉ सनत अग्रवाल (डीन आर एंड सी ), डॉ कुसुम शर्मा( समन्वयक, साहित्यिक क्लब), डॉ डी बी सिंह( संयोजक राजभाषा प्रकोष्ठ ) अन्य संकाय सदस्य, कर्मचारीगण एवं उनके पारिवारिक सदस्य मौजूद थे।