प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने देहरादून जनपद के चार ब्लॉकों में विद्यालयों एवं महाविद्यालयों का निरीक्षण कर शिक्षण व्यवस्था का जायजा लिया।
द्वितीय राजभाषा कार्यक्रम क्रियान्वयन के तहत प्रदेश के सभी विकास खंडों में चल रही गतिविधियों की वास्तविकता से रूबरू होने के उद्देश्य से उन्होंने चकराता ,कालसी ,विकास नगर और सहसपुर ब्लॉकों के विद्यालयों एवं डिग्री कालेजों का रुख किया, बताया कि सभी जगह सभी विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारू रूप से चलता हुआ पाया गया।
सहसपुर विकासखंड के प्रेमनगर पौधा में आयुष गुरुकुल महाविद्यालय को वर्ष 2002 से उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद की मान्यता न मिलने की वजह का जायजा लेते हुए उन्होंने महाविद्यालय का गहन निरीक्षण किया, पहली बार महाविद्यालय में पहुंचने पर विद्यालय के प्रबंधक प्रधानाचार्य ,स्टाफ एवं छात्रों द्वारा सहायक निदेशक का वैदिक मंत्रों के द्वारा भव्य स्वागत किया गया, इस अवसर पर सहायक निदेशक ने खंड स्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं नगद धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान करते हुए कहा कि संस्कार युक्त शिक्षा ही देश की संस्कृति की रक्षा कर सकती है। उन्होंने कहा कि जितना ध्यान सीमाओं पर सेना के रखरखाव एवं विकास पर दिया जाता है ,उतना ही ध्यान देश की संस्कृति की रक्षा पर भी दिया जाना जरूरी है ,क्योंकि देश की आंतरिक सुरक्षा देश की संस्कृति की सुरक्षा से ही हो सकती है, और वह विद्यालयों में संस्कार्युक्त शिक्षा से ही संभव है/
पेट्रोलियम विश्वविद्यालय बुधौली में सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने विश्वविद्यालय के बोर्ड द्वितीय राजभाषा संस्कृत में भी लिखने के लिए कहा उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा तैयार लड़ाकू टैंकर एवं हेलीकॉप्टर का निरीक्षण कर अद्भुत निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त की।
निरीक्षण में उनके साथ आरती, समर्थ, अस्मिता ,डॉक्टर धनंजय, डॉक्टर यज्ञवीर, डॉक्टर चंद्रभूषण, डॉक्टर शिव कुमार, आचार्य शिवदेव, दिनेश ईश्वर एवं अनिरुद्ध आदि भी रहे।