आयुष्मान भारत से स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव..राजेश भूषण अमृतकाल विमर्श विकसित भारत 2047 पर व्याख्यानमाला संपन्न

प्रदीप कुमार

श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में अमृतकाल विमर्श विकसित भारत 2047 को व्याखयानमाला आयोजित की गयी। जिसमें वक्ताओं ने भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की। गढ़वाल विश्वविद्यालय के चौरास स्थित स्वामी मनमंथन प्रेक्षागृह में आयोजित व्याख्यान माला के बतौर मुख्य अतिथि पूर्व स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संकल्पना का बदलाव 2017 में हुआ। स्वास्थ्य को लेकर अस्पतालों में बड़ा तो हुआ ही है साथ ही प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चलाए जा रहे स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों को लेकर करोड़ो लोग आज अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे है। साथ ही उन्होंने भारत सरकार व राज्यों की स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी को समझाया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हेल्थ एंड वेलनेश सेंटर आज देश भर में खुल रहे है। जिस से लाखों लोगों का इलाज आ मुफ्त हो रहा है। इसके अलावा सरकार की ओर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में अटल आयुषमान योजना व आयुषमान भारत डिजिटल योजना चलाई जा रही है डिजिटल माध्यम से स्वास्थ्य मुव्हया कराने को लेकर आज देश भर में कार्यक्रम चलाए जा रहे है। आज देश कि आजादी को 75 साल पूरे हो चुके है और अभी भी हमारे समक्ष दूर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य एक चुनौती के रूप में है। हम चाहते है कि 2047 में जब भारत आजादी के 100 वर्ष पूर्ण कर रहा होगा तो देश का कोई भी क्षेत्र स्वास्थ्य से वंचित ना रहे। उन्होंने कहाँ की स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज विश्व के मुकाबले भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

वहीं आम आदमी को आज पहले के मुकाबले इलाज में खर्चा बहुत कम हो गया है। साथ ही उन्होंने तमाम सरकारों के समक्ष चुनातियों का भी जिक्र किया। वहीं उन्होंने कहाँ कि देश भर में 834 व्यक्तियों पर एक डॉक्टर है। साथ ही उन्होंने कहां कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनभागीदारी भी अहम है। जनसंख्या की स्थिरता के लिए प्रत्येक को कार्य करने की जरूरत है जब जनसंख्या में स्थिरता होंगी तो निश्चित ही हमारी स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर होंगी। इसके अलावा उन्होंने सरकार के लक्ष्यों के जिक्र भी किया उन्होंने कहाँ कि 2025 तक टीबी की बीमारी को समाप्त करने का लक्ष्य सरकार की ओर से रखा गया है और इसके अलावा देश में मृत्यु दर को 56 प्रतिशत कम करना लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम कि अध्यक्षता करती हुए गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो.अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को लेकर कार्य कर रहा है स्वास्थ्य के क्षेत्र में जल्द गढ़वाल विवि एक पाठ्यक्रम शुरू करेगा। जिसकी रूप रेखा तैयार कि जा रही है।
इस मौके कार्यक्रम समन्वयक प्रो. एम.एस.नेगी, नोडल अधिकारी प्रो.वाई.पी.रेवानी, प्रति कुलपति प्रो.आर.सी.भट्ट, मुख्य नियंता प्रो.बी.पी.नैथानी,वित्त अधिकारी प्रो.एन.एस.पंवार सहित आदि मौजूद थे।