जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस परिवार द्वारा विश्वकर्मा जयंती के शुभ अवसर पर पुलिस लाइन, पुलिस कार्यालय व सभी थाना चौकियों में पूर्ण विधि-विधान के साथ की गई शस्त्रों, औजारों और मशीनों की पूजा-अर्चना

रुद्रप्रयाग- जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस परिवार द्वारा विश्वकर्मा जयंती के शुभ अवसर पर पुलिस लाइन, पुलिस कार्यालय व सभी थाना चौकियों में पूर्ण विधि-विधान के साथ की गई शस्त्रों, औजारों और मशीनों की पूजा-अर्चना
यंत्र और निर्माण के देवता भगवान श्री विश्वकर्मा की जयंती के अवसर पर जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस के स्तर से पुलिस कार्यालय स्थित संचार शाखा में पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग श्री प्रबोध कुमार घिल्डियाल एवं संचार शाखा के सभी कार्मिकों की उपस्थिति में, प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइन श्री गणेश लाल बण्डवाल के नेतृत्व में पुलिस लाइन में व सभी थाना प्रभारियों द्वारा अपने थाने में शिल्प एवं यांत्रिक कला के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की गयी।
भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए तत्पश्चात शास्त्रागार में विधिवत पूजन कर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा के समक्ष औजार रखकर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना कर भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद लिया गया। तदोपरान्त उपस्थित कार्मिकों को मिष्ठान वितरण किया गया।
बताते चलें कि शास्त्रों के अनुसार विश्वकर्मा जी सृष्टि के पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार जब ब्रह्राजी ने सृष्टि की रचना की तो इसके निर्माण कार्य की जिम्मेदारी भगवान विश्वकर्मा जी को दी गयी थी।
हर वर्ष विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर छोटे-बड़े प्रतिष्ठानों, कारखानों और विशेष तौर पर औजारों, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों और दुकानों आदि की पूजा की जाती है। दरअसल विश्वकर्मा जी को यंत्रों का देवता भी माना जाता है। प्राचीन काल में देवी- देवताओं के महल और अस्त्र-शस्त्र भगवान विश्वकर्मा जी ने ही बनाए थे इसलिए इन्हें वास्तुकार और निर्माण का देवता कहा जाता है।भगवान विश्वकर्मा जी ने इंद्रलोक, त्रेता में लंका, द्वापर में द्वारिका एवं हस्तिनापुर, कलयुग में जगन्नाथपुरी आदि का निर्माण किया था। इसके अलावा शिव जी का त्रिशूल, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज और भगवान विष्णु के लिए सुदर्शन चक्र को भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया था।
भगवान विश्कर्मा वे देवता हैं जो हर काल में सृजन और निर्णाण के देवता रहे हैं। सम्पूर्ण सृष्टि में जो भी चीजें सृजनात्मक हैं, सब भगवान विश्वकर्मा की देन है।