शिक्षा से बच्चों में आते हैं अच्छे संस्कार व जीवन जीने का तरीका,आचार्य रमेश सेमवाल

रुड़की।आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को संस्कारवान तथा जीवन जीना सिखाती है।समाज तथा देश में प्रत्येक समस्या के समाधान के लिए पढ़े-लिखे व्यक्ति का योगदान बड़ा महत्वपूर्ण हो सकता है,किंतु यह तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक अपने बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिकता का भी पाठ पढ़ाय।उक्त् विचार आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत पड़ाव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय व राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-2 के सभी छात्र-छात्राओं को पाठन सामग्री वितरित करने के अवसर पर व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यालय भेजें,जिससे कि बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी आए।कहा कि बुद्धिजीवियों एवं अन्य प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे बच्चों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए,जिनके मां-बाप उन्हें विद्यालयों भेजने में असमर्थ हों।प्रत्येक नागरिक एक-एक बच्चे की शिक्षा का जुम्मा ले इससे देश की साक्षरता दर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।उन्होंने कहा कि निवर्तमान मेयर गौरव गोयल पिछले बहुत वर्षों से विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को समय-समय पर पाठन सामग्री के अलावा गर्म कपड़े,जूते,जुराब,जर्सियां व स्वेटर आदि का लगातार वितरण करते आ रहे हैं,जो बहुत ही सराहनीय एवं पुण्य का कार्य है।विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती शिखा गोयल ने समस्त बच्चों को बैग,कापियां व अन्य समान वितरण करने पर उनकी प्रशंसा की।इस अवसर पर निवर्तमान मेयर गौरव गोयल के अलावा सहायक अध्यापक तरु गोयल,उषा कुमारी,कुसुम बमराडा,पूनम अग्रवाल,रजनीश वशिष्ट, शब्बीर अहमद,अमित पटेल,अनूप शर्मा,विभोर अग्रवाल,रानू गोयल,निखिल सेठी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।