प्रदीप कुमार
श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय इंटर कॉलेज पीपलीधार डागर में बच्चों ने पेड़ों पर बंधे रक्षा सूत्र पेड़ों के संरक्षण हेतु बच्चों को जानकारी दी गई और शिक्षक जय प्रकाश कृथ्वाल ने बताया की इस रक्षा सूत्र के प्रणेता पर्यावरणविद् सुरेश भाई ने संदेश दिया है जिसको उन्होंने बच्चों को जानकारी देते वक्त साझा की जिसमे विद्यालय की प्रधानाचार्य भंडारी एवं अन्य शिक्षक साथी उपस्थित रहे। इस अवसर पर पर्यावरणविद् सुरेश भाई ने कहां की हम लोग कही स्थानों पर लोग वृक्षारोपण करते हैं और उस पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधते है। यह इसलिए कि हम जो पेड़ लगाते है,वह पले बढ़े और बड़ा होकर हमें प्राण वायु (ऑक्सीजन), पानी ,मिट्टी उपलब्ध कराते रहें।इसके लिए लगातार पेड़ -पौधों के साथ भाई-बहन जैसा हमारा रिश्ता बनना बहुत जरूरी है।इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए सन् 1994 से रक्षा सूत्र आंदोलन चल रहा है। यदि आप विद्यालय में पढ़ाते हैं तो शायद रक्षाबंधन के दिन तो छुट्टी रहती है परंतु यदि रक्षाबंधन के पहले दिन आप लोग भी अपने स्कूल या गांव में
पेड़ लगाकर या मौजूदा पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर वनों की सुरक्षा का संकल्प बच्चों व महिलाओं के साथ ले सकते हैं।
हमारी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी रक्षासूत्र आंदोलन के बारे में पूछा जाता है इस संबंध में एक लेख आपको भेज रहा हूं। आपसे निवेदन है कि अपने गांव अथवा स्कूल के प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षकों के बीच में व्हाट्सएप से भी आप इस सूचना को भेज कर रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर पेड़ों पर रक्षा सूत्र का कार्यक्रम करवा सकते हैं। अतःपर्यावरण के प्रति जागरुक साथियों को जोड़कर रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर आप रक्षासूत्र का कार्यक्रम अपने स्कूल अथवा गांव में अवश्य करेंगे।