ऑयल पाम प्रसंस्करण कंपनियों के साथ विभिन्न राज्य सरकारों ने 25 जुलाई 2023 से आज तक मेगा ऑयल पाम वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया
उपर्युक्त अवधि में लगभग 7000 किसानों को शामिल करते हुए 3500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में ऑयल पाम वृक्षारोपण किया गया
आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, कर्नाटक, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा इसके प्रमुख तेल उत्पादक राज्य हैं। पतंजलि फूड प्राइवेट लिमिटेड, गोदरेज एग्रोवेट और 3एफ जैसी ऑयल पाम प्रसंस्करण कंपनियों ने इस अभियान में सक्रिय रूप से भागीदारी की। इसके अतिरिक्त केई कल्टीवेशन और नवभारत जैसी अन्य क्षेत्रीय कंपनियों ने भी इस अभियान में भाग लिया। मेगा ऑयल पाम वृक्षारोपण अभियान का समापन 12 अगस्त 2023 को हुआ। इस अभियान के माध्यम से, राज्य और कंपनियां 11 राज्यों के 49 जिलों के 77 गांवों में 7000 से अधिक किसानों तक पहुंचने में सक्षम रही और इस दौरान लगभग 3500 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल करते हुए 5 लाख से अधिक वृक्षारोपण किया गया।
इस व्यापक वृक्षारोपण अभियान के हिस्से के रूप में, कंपनियों ने विभाग के कर्मचारियों के साथ किसानों के लिए ऑयल पाम की खेती पर उत्कृष्ट और व्यापक स्तर पर सघन तकनीकी प्रशिक्षण सेमिनारों का भी आयोजन किया। इन सेमिनारों का उद्देश्य किसानों और कर्मचारियों को प्रबंधन पैकेजों के बारे में अधिक जागरूक बनाना था जिससे पौधों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, उत्पादकता बढ़ेगी और स्थायी आय स्रोतों का सृजन होगा।
अखिल भारतीय मेगा ऑयल पाम वृक्षारोपण अभियान के हिस्से के रूप में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में वरिष्ठ राजनेताओं, विभाग के अधिकारियों और ग्राम पंचायत सदस्यों सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
इस योजना के अंतर्गत, किसानों को गुणवत्ता रोपण सामग्री, फसल के रखरखाव और इंटरक्रॉपिंग के लिए वित्तीय सहायता सहित विभिन्न प्रोत्साहन भी प्रदान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, किसानों को उनकी उपज के लिए गारंटीकृत कीमतों के साथ एक सुनिश्चित बाजार भी प्रदान किया जाता है।
- अगस्त को कर्नाटक के बीदर जिले में
- त्रिपुरा के जिरानिया कृषि जिले में राज्य के माननीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री रतन लाल नाथ द्वारा मेगा ऑयल पाम वृक्षारोपण अभिायान का उद्घाटन किया गया
- असम के तिनिसुकिया जिले में 8 अगस्त को मेगा ऑयल पाम वृक्षारोपण अभियान। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, माननीय कृषि मंत्री श्री अतुल बोरा, स्वामी रामदेव जी और अन्य जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया