भ्रष्टाचार उन्मूलन विकास के प्रति प्रधानमंत्री मोदी के जन-समर्थक दृष्टिकोण का आधार है: डॉ. जितेंद्र सिंह

जी-20 की भ्रष्टाचार रोधी मंत्रिस्तरीय बैठक हम सभी के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने की सामूहिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने का अवसर है: डॉ. जितेंद्र सिंह


भ्रष्टाचार के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के हमारे दृष्टिकोण का भी मार्गदर्शन करती है: डॉ. जितेंद्र सिंह

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि संपत्ति की पुनः प्राप्ति और पारस्परिक कानूनी सहायता प्रक्रियाओं की कोडिंग में जी-20 एसीडब्ल्यूजी की तरफ से हुए प्रभावशाली प्रयास और पारस्परिक कानूनी सहायता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है

भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वे सजा से बचने के लिए विभिन्न देशों की कानूनी और वित्तीय प्रणालियों में मौजूद खामियों का फायदा उठाते हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह

भारत के भ्रष्टाचार रोधी मंत्री ने कहा, भारत की अध्यक्षता में जी-20 एसीडब्ल्यूजी कानून प्रवर्तन सहयोग, सूचना साझा करने और संपत्ति वसूली पर आम सहमति बनाने में सफल रहा है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कोलकाता में दूसरी जी-20 भ्रष्टाचार रोधी मंत्रिस्तरीय बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

नई दिल्ली – कार्मिक और प्रशासनिक सुधार मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत की लड़ाई को दोहराया और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीरो टॉलरेंस के आह्वान को रेखांकित किया। उन्होंने वर्ष 2018 में जी-20 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत भगोड़े आर्थिक अपराधियों से संबंधित 9 सूत्री एजेंडे को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि जी-20 भ्रष्टाचार रोधी मंत्रिस्तरीय बैठक हम सभी के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने की सामूहिक और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने का भारत का दृष्टिकोण भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के हमारे दृष्टिकोण का भी मार्गदर्शन करता है।

कोलकाता में 9-11 अगस्त, 2023 तक भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 भ्रष्टाचार रोधी कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की तीसरी और अंतिम बैठक के बाद कोलकाता मंत्रिस्तरीय बैठक हुई है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “मैं संपत्ति वसूली और पारस्परिक कानूनी सहायता से संबंधित दिशानिर्देशों में बदलाव के लिए जी-20 एसीडब्ल्यूजी सदस्यों द्वारा किए गए प्रयासों से प्रभावित हूं, जिससे मौजूदा जानकारियों की उपयोगिता में बढ़ोतरी होगी। मैं पारस्परिक कानूनी सहायता के एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर जवाबदेही रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की दिशा में काम किए जाने का भी स्वागत करता हूं। इसके निष्कर्ष और सिफारिशें अंतर्राष्ट्रीय अपराध का मुकाबला करने और वैश्विक सुरक्षा बनाए रखने में देशों के बीच सहयोग को बेहतर बनाने व मजबूती लाने में बहुत उपयोगी होंगे। भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खतरे से निपटने की दिशा में ये महत्वपूर्ण कदम हैं।”

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उन्होंने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती हैं, क्योंकि वे सजा से बचने के लिए विभिन्न देशों की कानूनी और वित्तीय प्रणालियों में मौजूद खामियों का फायदा उठाने में सक्षम होते हैं।

उन्होंने कहा, “भगोड़े आर्थिक अपराधी अपने देश में गंभीर आर्थिक अपराध करते हैं और गिरफ्तारी, अभियोजन या अपनी सजा से बचने के लिए दूसरे देशों में भाग जाते हैं। आर्थिक अपराधों में धोखाधड़ी, कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और गबन जैसी अवैध गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। उनकी हरकतें कानून के शासन को कमजोर करती हैं, आर्थिक विकास को बाधित करती हैं और अक्सर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती हैं।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत 9 सूत्रीय एजेंडे का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “इसमें सभी भगोड़े आर्थिक अपराधियों को सुरक्षित पनाहगाह से वंचित करने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं और तंत्रों में जी-20 देशों के बीच मजबूत और सक्रिय सहयोग, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के प्रभावी कार्यान्वयन, सूचनाओं के समय पर और व्यापक आदान-प्रदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग स्थापित करने और भगोड़े आर्थिक अपराधियों की एक मानक परिभाषा तैयार करने, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिए सामान्य रूप से सहमत और मानकीकृत प्रक्रियाओं के एक सेट का विकास, अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक साझे मंच की स्थापना और वसूली के लिए आर्थिक संपत्तियों का पता लगाने पर काम शुरू करने का आह्वान किया गया है।”

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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने वर्ष 2020 में आर्थिक अपराध, अपराधियों और चोरी की गई संपत्तियों की बरामदगी से निपटने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर एक महत्वपूर्ण जी-20 कार्य पत्र प्रकाशित करने के लिए जी-20 एसीडब्ल्यूजी की सराहना की और कहा कि इससे सुरक्षित पनाहगाहों को नकारने और ऐसे भगोड़ों की वापसी व चोरी की गई संपत्तियों की बरामदगी की दिशा में प्रयास करने की जी-20 देशों की प्रतिबद्धता रेखांकित होती है।

उन्होंने कहा, “इस काम को आगे बढ़ाते हुए, भारत की अध्यक्षता में जी-20 एसीडब्ल्यूजी कानून प्रवर्तन सहयोग, सूचना साझा करने और संपत्ति वसूली तंत्र को मजबूत करने से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति बनाने में सफल रहा है। जी-20 के रूप में हमें अपनी महत्वाकांक्षा के लिहाज से साहसिक होने और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में मौजूद कमियों को दूर करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। मुझे यकीन है कि जी-20 के सदस्य प्रत्यर्पण तंत्र की प्रभाव को बढ़ाने और सीमा पार वित्तीय प्रवाह की बेहतर ट्रैकिंग की सुविधा के लिए इन सिद्धांतों को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे, जिससे भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम लगेगी।”

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता और जन भागीदारी हमारे भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों का आधार है।

उन्होंने कहा, “पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके और सक्रिय नागरिक भागीदारी की संस्कृति को बढ़ावा देकर भ्रष्टाचार का मुकाबला किया जा सकता है। मैं भ्रष्टाचार को रोकने और उससे निपटने में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित करने के लिए सभी जी-20 सदस्यों के प्रयासों का स्वागत करता हूं। ये टूल शासन का आधुनिकीकरण, दक्षता में सुधार और सेवा वितरण को बढ़ाकर भ्रष्ट प्रथाओं को कम करने के लिए मार्ग उपलब्ध करते हैं।”

विशेष एजेंसियों में ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के संबंध के लिए सिद्धांतों पर बनी सहमति का स्वागत करते हुए, भारत के भ्रष्टाचार रोधी मंत्री ने उम्मीद व्यक्त की कि इससे ऐसी एजेंसियों और संस्थानों की स्वतंत्रता, पारदर्शिता और क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जी-20 एसीडब्ल्यूजी ने भ्रष्टाचार से लड़ने में लेखा परीक्षा की भूमिका पर अच्छी प्रक्रियाओं का एक संग्रह तैयार करने की दिशा में सराहनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि ऑडिट का एक प्रमुख टूल के रूप में उपयोग करके सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सुशासन, अखंडता, जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण ज्ञान संसाधन साबित होगा।”

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जी-20 एसीडब्ल्यूजी वर्ष 2010 से सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार से निपटने और पारदर्शिता व जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।

उन्होंने कहा, “आज की हमारी चर्चा और फैसलों में एक मजबूत भ्रष्टाचार रोधी ढांचे में योगदान करने की क्षमता होगी, जिससे निष्पक्ष, समावेशी और समान विकास संभव होगा।”

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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार से समाज के कमजोर और वंचित तबकों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है। साथ ही,विशेष रूप से महिलाओं को जबरदस्ती भ्रष्टाचार और शोषण के लिए निशाना बनाया जाता है। उन्होंने कहा, “मैं भ्रष्टाचार के लैंगिक भेदभाव के प्रभाव पर प्रकाश डालने और इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में स्वीकार करने के लिए एसीडब्ल्यूजी की सराहना करता हूं, जिसके लिए हम सभी के द्वारा ठोस प्रयासों की आवश्यकता है।”

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार लोकतंत्र और कानून के शासन को कमजोर करता है। इससे असमानता को बढ़ावा मिलता है और संस्थानों में जनता का विश्वास कम होता है।

उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार समाज के सबसे गरीब और हाशिए पर मौजूद सदस्यों को असमान रूप से प्रभावित करता है। भ्रष्टाचार धन के अवैध प्रवाह को सक्षम बनाकर और यहां तक कि आपराधिक समूहों को सीधे वित्तपोषित करके अंतर्राष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद को भी बढ़ावा देता है, जिसका देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा असर पड़ता है। दुनिया के सभी देश किसी न किसी रूप में भ्रष्टाचार के नकारात्मक प्रभाव का सामना कर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी के सिद्धांत “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” यानी “सबका विकास के लिए सबका विश्वास” को मार्गदर्शक बताते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के सभी रूपों का उन्मूलन विकास के प्रति भारत सरकार के जन-समर्थक दृष्टिकोण का एक केंद्रीय स्तंभ रहा है।

उन्होंने कहा, “भारत भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक मजबूत और समग्र दृष्टिकोण का मजबूत समर्थक रहा है। भ्रष्टाचार के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रति हमारे दृष्टिकोण का भी मार्गदर्शन करती है। भारत जी-20 एसीडब्ल्यूजी मंच का सक्रिय सदस्य रहा है और आर्थिक अपराधों से निपटने तथा आर्थिक अपराधियों को दंडित करने की दिशा में प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लीडर्स के रूप में यह सुनिश्चित करना जी-20 की जिम्मेदारी है कि हम इस गति को तब तक जारी रखें जब तक कि भ्रष्टाचार मुक्त विश्व प्राप्त करने का यह दृष्टिकोण वास्तविकता न बन जाए।

उन्होंने कहा, “मजबूत भ्रष्टाचार रोधी नीतियों को प्राथमिकता देकर और उन्हें लागू करके हम पारदर्शिता, अखंडता और जवाबदेही के लिए वैश्विक मानक स्थापित कर सकते हैं। हमारे पास भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की शक्ति है जिसमें भ्रष्टाचार रोधी कानूनों में सामंजस्य बिठाना, सूचना साझा करने में बढ़ोतरी और सीमा पार जांच एवं अभियोजन को मजबूत करना शामिल है।”

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डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लंबी और कठिन हो सकती है, लेकिन इसे जीतना असंभव नहीं है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “आइए हम खुद को इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध करें और ऐसे समाजों का निर्माण करें जहां समृद्धि और न्याय किसी भी तरह से भ्रष्टाचार के अभिशाप से कमजोर न हों। हमारे पास टूल, प्रौद्योगिकी और सबसे महत्वपूर्ण बात, इसका मुकाबला करने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति है। हमें इस इच्छाशक्ति को ठोस, वैश्विक कार्रवाई में बदलने की जरूरत है।”

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई हमारे समय में और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि विश्व आज कोविड महामारी, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, भू-राजनीतिक संघर्ष और जलवायु संबंधी घटनाओं सहित अलग तरह की और विविध चुनौतियों का सामना कर रहा है।

उन्होंने कहा, “इन सभी ने अतीत में दुनिया द्वारा हासिल की गई प्रगति और विकास को बाधित किया है।”