अयोध्या के संत समाज को सम्मान देने के लिए संतों ने बह्माकुमारी ईश्वरी विवि का जताया आभार
प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विवि ने किया अयोध्या से आए संतों का सम्मान
गबर सिंह भंडारी
श्रीनगर गढ़वाल। प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरीय विवि श्रीनगर के तत्वावधान में पहली बार श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या से विभिन्न पीठों से पहुंचे पांच मंहतों को श्रीनगर में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। अयोध्या से आये मंहत बद्रीनाथ धाम में आयोजित कथा के लिए बद्रीनाथ जा रहे है, तो श्रीनगर में प्रजापिता बह्माकुमारी ईश्वरी विवि द्वारा संतों का सम्मान किया गया। अयोध्या से आये मंहतों ने श्री क्षेत्र में सम्मान मिलने पर प्रजापिता बह्मा बाबा ईश्वरीय विवि का आभार प्रकट किया। वहीं संतों के सम्मान में स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम में पहुंचे अयोध्या नगरी से महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य महाराज (बड़े सरकार) ने कहा कि विश्व शांति एवं मानव जगत में विश्व कल्याण की अलख जगाने के लिए जो काम ईश्वरीय विवि द्वारा किया जा रहा है वह सराहनीय है। उन्होंने श्रीनगर में संत समाज को सम्मान देने पर ईश्वरीय विवि का आभार प्रकट किया। राम जन्म भूमि के पूर्व अध्यक्ष महंत जन्मेजय शरण महाराज ने कहा कि ईश्वरीय शक्ति मिलना मानव के लिए बड़ी बात है। ईश्वरीय शक्ति अदृश्य होकर भी मिलती है। विवि के भाई-बहनों के ताज्ञ और तपस्या का परिणाम है कि लोग आज ईश्वरीय शक्ति की खोज में आगे आ रहे है। उन्होंने 10 से 16 अगस्त तक बद्रीनाथ में रघुनाथ मंदिर में होने वाली राम कथा में सभी लोगों को बद्रीनाथ पधारने का आह्वान किया। जगतगुरु रामदिनेशाचार्य ने वेद, गीता के मूल तत्वों से अवगत कराते हुए कहा कि जीवन में त्याग होगा तभी शांति होगी। त्याग तपस्या ही शांति का प्रतीक है। महंत अवधेश दास महाराज ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और यूपी के सीएम भी देवभूमि से है, इसलिए ऐसे योगी जैसे सीएम देने के लिए देवभूमि को नमन करता हूं। कहा कि सीएम योगी जी के कारण ही आज संतों को सम्मान मिल रहा है। इस मौके पर महंत नागा रामलखन दास ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर डॉ. रचित गर्ग, सुरेन्द्र चौहान, दिनेश असवाल सहित कई लोगों का सम्मान भी किया गया। कार्यक्रम में धार्मिक प्रभाग के संयोजक बीके रामनाथ, बीके मेहर चंद, बीके ऊषा, राजेश्वरी, नीलम, सरिता, राजीव विश्नोई आदि मौजूद थे।