गबर सिंह भंडारी
श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के तत्वावधान में चल रहे विश्व स्तनपान सप्ताह के गुरुवार को स्तनपान को लेकर जागरूकता गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें अस्पताल में प्रसव के बाद भर्ती महिलाओं को स्तनपान के बच्चे और मां को होने वाले फायदें बताये गये। जबकि अस्पताल के काउंसलरों द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बच्चे के विकास में स्तनपान की महत्ता पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीएमएस रावत जी ने कहा कि स्तनपान भी नवजात के लिए अन्न जैसा आहार है। जैसा अन्न यानी भोजन हम लेते है, वैसे ही नवजात के लिए स्तनपान ही अन्न है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी प्रसव के बाद छह माह तक स्तनपान कराने के लिए सभी माताओं को जागरूकता की बागडोर सभी को सौंपी है। प्रो. सीएमएस रावत ने कहा कि जैसा अन्न, वैसा मन, वैसी बुद्धि और वैसे संस्कार मिलते है। यहीं नहीं स्तनपान से माँ का अपने बच्चे के साथ भावनात्मक रिश्ता मजबूत होता है और माँ को कैंसर जैसी गंभीर समस्या से बचने में भी मदद मिलती है। इस मौके पर बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. व्यास राठौर ने कहा कि सबसे पहले तो बच्चे को माँ के दूध से जरुरी पोषक तत्व मिलते हैं। जो उसके शरीर को मजबूत बनाते हैं और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। इसके अलावा बच्चे की इम्यूनिटी भी माँ के दूध से मजबूत होती है। बच्चे का शरीरिक विकास तेजी से होता है एवं माँ के दूध में मौजूद विटामिन, कैल्शियम आदि बच्चे को शुरुआती 6 महीनों में ही मिलना शुरू हो जाते हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए बाल रोग विभाग के एसो. प्रो. डॉ. तृप्ति श्रीवास्वत ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। इसके साथ ही स्तनपान पर माताओं को फायदें बताये। इस मौके पर बेस चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रविन्द्र सिंह बिष्ट, मनोरोग विभाग के एचओडी डॉ. मोहित सैनी, डॉ. मोनिका जसल, डॉ. अशोक, गायनी विभाग के एसआर डॉ. नेहा, सुनील रावत सहित तमाम स्टॉफ मौजूद था।