🖊️गुंजन कन्याल देहरादून
गौ माता की महिमा और हमारे कर्तव्य
आदिकाल से ही गाय माता लौकिक और परमार्थ क्षेत्र में महत्व रहा है। गौमाता को विश्व की माता के रूप में प्रतिष्ठित किया गया हैै। गौ माता के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का वास माना गया है । गौमाता का दान महादान माना गया है जहां हमारा धन- धान्य कुछ काम नहीं आते, वहाँ शास्त्रों में कहा गया है मरणोपरांत सिर्फ गौ माता की सेवा और हमारे द्वारा किए गये सत्कर्म काम आते है ।जो हमें परलोक गमन के समय वैतरणी नदी पार करने में गौ माता हि हमारी सहायक बनती है ।गौ माता की रक्षा धर्म राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा करना है।गौ माता पर हमेशा श्रद्धा करें और उनका सम्मान करें उनके साथ हमारा जीवन बसता है । गौ रक्षा के लिए आगे जरूर आये।
आज गौ माता की स्थिति दयनीय हो गई है, प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है अपने धर्म की रक्षा करे और उनके प्रति जागरूक रहें । अनजाने में हो रहे गौ हत्या के दोष से बचे, खाने का बचा कचरा पॉलीथिन की थैली में कभी ना डालें, गौ माता के संरक्षण के लिए गौशालाओं को स्थापित करें, कृषि और पशुपालन नीतियों में गायों की सुरक्षा और बचाव के उपायों को शामिल किया जाना चाहिए ।उच्च गुणवत्ता वाले पशुधन का विकास और प्रजनन कार्यक्रमों का समर्थन किया जाना चाहिए । गौ माता के उत्पादों के संबंध में वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करना चाहिए ।इससे उनके उत्पादों और गुणवत्ता को वैज्ञानिक ढंग से प्रयोग हो सके। गौ माता के संरक्षण के लिए अन्य उत्पाद और उपायों पर भी विचार करना अति आवश्यक है। सामाजिक संगठन, गैर सरकारी संगठन और व्यक्तिगत स्तर पर हर एक को योगदान देना चाहिए एक सामर्थपूर्ण संयोजन बनाने से गाय माता को संरक्षित रखने और उनकी दशा को सुधारने में मदद मिलेगी ।
गौमाता हमारे धर्म की आधार
हमारी संस्कृति की प्रतीक
गौ माता के रूप में विख्यात
उनकी महिमा हर जगह व्याप्त
माधव चरणों में शीश नवाते
साधु -संत भी महिमा गाते
जो उनके चरणों में जोड़े हाथ
सदा रहे समृद्धि उसके साथ
उनकी श्वास से होती शुद्ध वायु,
गौमाता हमारी आस्था और गर्व
निवास जहां उनका होता
वह स्थान शुद्ध हो जाता
स्पर्श करने से उनका
रोगों का निवारण मिल जाता
धूलि उनकी पड़ जाती जिस पर
पाप उतर जाते उसके उसी पल
धर्म ,अर्थ, काम, मोक्ष प्रदान कर
प्राणियों के पोषित करती प्राण
पूजन करता जो नित्य उनका
दुख दरिद्रता को दूर भगाती
दुख में जो सेवा करता उनकी,
अश्वमेघ का फल वो पा जाता
खुद से पहले जो उन्हे खिलाता
गोदान का फल उसे मिल जाता
गौ माता को कष्ट देने वाला
नरक का परम भागी बन जाता
🖊️गुंजन कन्याल देहरादून