गबर सिंह भंडारी
श्रीनगर गढ़वाल। इंडिया टुडे ग्रुप और मार्केटिंग रिसर्च एजेंसी (एमडीआरए) के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज सर्वेक्षण के आधार पर जारी भारत के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज 2023 रैंकिंग में इंजीनियरिंग श्रेणी में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड को 33वां स्थान प्राप्त हुआ है।
इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए संस्थान के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि इस प्रकार की उपलब्धियां मुझे न केवल और अधिक कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा देते हैं बल्कि यह विश्वास भी दिलाते है कि एनआईटी, उत्तराखंड राष्ट्र कि शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जो भी कर रहा है हैं वह सही दिशा में है और वह अपनी राष्ट्र सेवा की इस महत्वपूर्ण यात्रा को जारी रख सकता है।
इसके अलावा, प्रोफेसर अवस्थी ने कहा कि 05 जून 2023 को शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड को 1500 से अधिक भाग लेने वाले इंजीनियरिंग संस्थानों के बीच इंजीनियरिंग श्रेणी में रैंक बैंड 101-150 में रखा गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 की एनआईआरएफ रैंकिंग में कुल स्कोर 33.27 के साथ संस्थान ने 186वा स्थान किया था, वही वर्ष 2022 में कुल स्कोर 37.76 के साथ एनआईआरएफ-2022 रैंकिंग में पचपन अंको का सुधार करते हुए 131वां स्थान हासिल किया है जबकि वर्ष 2023 में संस्थान ने कुल स्कोर में 37.76 से 40.18 तक सुधार किया है और रैंक बैंड 101-150 में स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि यदि उपरोक्त तथ्यों का अध्ययन किया जाए तो निःसंदेह संस्थान के एनआईआरएफ-2023 रैंकिंग में एनआईआरएफ -2022 की तुलना में सुधार हुआ होगा।
प्रोफेसर अवस्थी ने आगे कहा “मेरा ईमानदारी से मानना है कि एक संस्थान तभी आगे बढ़ सकता है जब उसके संकाय सदस्य संस्थान के विकास के लिए उत्कृष्टता हासिल करने में अपना शत प्रतिशत योगदान दे। सभी के ईमानदार प्रयासों से हमने धीरे-धीरे यह मुकाम हासिल किया है। मैं संस्थान के समग्र स्कोर में 37.76 से 40.18 तक सुधार करने के लिए अपने युवा और गतिशील संकाय सदस्यों को बधाई देता हूँ और इस उपलब्धि के लिए पूरा श्रेय देता हूँ।” उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि एनआईआरएफ रैंकिंग उत्कृष्टता का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मानक है जो शिक्षण, अनुसंधान, धारणा, सामाजिक आउटरीच, नवाचार छात्रों को उनके कल्याण के लिए संस्थान द्वारा दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की सहायता प्रणालियों जैसे मापदंडो के आधार पर किसी संस्था का आंकलन करता है।
प्रोफेसर अवस्थी ने कहा “यद्यपि संस्थान की रैंकिंग में निरंतर सुधार हो रहा है फिर भी अभी एनआईआरएफ रैंकिंग के मापदंडों में बहुत अधिक सुधार की गुंजाइश दिखती है।”उन्होंनेसंकाय सदस्यों से कहा कि यदि हमारे संस्थान को वैश्विक मंच पर नवाचार, स्टार्ट-अप और उद्यमिता सहित शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता के शीर्ष स्तर पर स्थापित करना है तो संकाय सदस्यों को और अधिक कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता, प्रेरणा, जवाबदेही और स्वामित्व प्रदर्शित करने की आवश्यकता है।
प्रोफेसर अवस्थी ने सभी संकाय सदस्यों का आह्वाहन किया कि वे अनुक्रमित जर्नल्स में गुणवत्तापूर्ण प्रकाशनों की संख्या में वृद्धि, पेटेंट और कॉपीराइट की संख्या में वृद्धि, विभिन्न फंडिंग एजेंसियों को अनुसंधान परियोजनाएं लिखने में अधिक प्रयास, बी.टेक., एमटेक एवं पीएचडी छात्रों की संख्या में वृद्धि, संयुक्त अनुसंधान प्रस्ताव, उद्योग के लिए उद्योग प्रायोजित कार्यक्रम ,छात्रों के लिए उच्च पैकेज के साथ बेहतर प्लेसमेंट अवसरों के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करना, छात्रों को उद्योगों में शत-प्रतिशत इंटर्नशिप प्राप्त करने में मदद करना, संस्थान में स्टार्ट-अप और उद्यमिता संस्कृति के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करना, संस्थान की धारणा को बढ़ाने के लिए पूर्व छात्रों/उनके नियोक्ताओं/शेयरधारकों के साथ नियमित रूप से संबंध बनाना, संस्थान एवं विभाग की वेबसाइट पर अपडेट रखना, शत-प्रतिशत पारदर्शी व्यवस्था के लिए छात्रों से संबंधित सभी नियम-कायदों को संस्थान की वेबसाइट पर रखना,अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश आदि के माध्यम से संस्थान का अंतर्राष्ट्रीयकरण करना, संस्थान की प्रतिष्ठा बढ़ने के लिए सोशल मीडिया पर संस्थान और विभाग की उपलब्धियों एवं क्रियाकलापों को पोस्ट करना और प्रतिक्रिया देना, सभी छात्रों और पुरातन छात्रों को संस्थान के सोशल मीडिया पेजों से जुड़ने के लिए प्रेरित करना आदि क्षेत्रो में अपना सक्रिय योगदान दे जिससे की अगले वर्ष हमारी एनआईआरएफ रैंकिंग दोहरे अंकों में आ सके।
अंत में प्रोफेसर अवस्थी ने कहा ” मै शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा दिए गए अथक समर्थन के प्रति आभार प्रकट करता हूँ और इस उपलब्धि को संस्थान छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों, उद्योग भागीदारों और पुरातन छात्रों को समर्पित करता हूँ। मैं आप सभी को भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूँ कि और हम अपने देश की प्रौद्योगिकी, सामाजिक और शैक्षणिक जरूरतों को पूरा करने के अपने दायित्व का निर्वाहन करते हुए सफलता की स्वर्णिम यात्रा को जारी रखेंगे।”
संस्थान के प्रभारी कुलसचिव डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी, डीन फैकल्टी वेलफेयर डॉ हरिहरन मुथुसामी, डीन अकादमिक डॉ लालता प्रसाद, डीन रिसर्च एंड कंसल्टेंसी डॉ सनत अग्रवाल, डीन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट डॉ जी एस बरार ने भी प्रसन्नता जाहिर करते हुए संस्थान के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई दिया।