* गबर सिह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल – निदेशक प्रोफेसर अवस्थी के मार्गदर्शन में संस्थान ने कुछ महत्व पूर्ण क्षेत्रो में उल्लेखनीय प्रगति की है
शैक्षणिक, अनुसंधान और विकास गतिविधियाँ
विगत वर्ष संस्थान को लगभग 2 करोड़ रूपये का प्रोजेक्ट अनुदान और 1 करोड़ रूपये का कन्सल्टेन्सी प्रोजेक्ट और दो पेटेंट प्रदान किया गया है और 150 से अधिक शोधपत्र एससीआई अनुक्रमित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए है।
वर्तमान में संस्थान में सिविल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक और एम टेक और पी एच डी प्रोग्राम संचालित किये जा रहे है । जबकि भौतिक, रसायन, गणित और मानविकी विषय में केवल पी एच डी प्रोग्राम संचालित हो रहा है । बी टेक प्रोग्राम में प्रवेश के लिए 180 सीट, एम टेक प्रोग्राम के लिए 120 (जिसमे 25 सीट स्वप्रायोजित और 95 सीट संस्थान प्रायोजित है) और पी एच डी प्रोग्राम के लिए इस बार 20 सीट है ।
संस्थान में स्टडी इन इंडिया स्कीम के अंतर्गत विदेशी छात्रों के दाखिले के लिए बी टेक प्रोग्राम में प्रत्येक विभाग में 4सीटें (कुल 20) और एम टेक प्रोग्राम के लिए 2 सीट (कुल 10) आरक्षित किया गया है।
डीएएसए (डासा) स्कीम के तहत एनआरआई छात्रों को बी टेक प्रोग्राम में प्रवेश के लिए २७ सीट आरक्षित है .
प्लेसमेंट और इंटर्नशिप में शानदार प्रदर्शन
ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल को करियर काउंसलिंग एंड प्लेसमेंट सेल में बदलने से काफी उत्साहजनक परिणाम देखने को मिला है। शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए जितने भी छात्र प्लेसमेंट के लिए उपयुक्त है उनमे से लगभग अब तक बी टेक प्रोग्राम में प्लेसमेंट और उच्च शिक्षा और शोध में जाने वाले छात्रों को मिलाकर लगभग 85 प्रतिशत जबकि एमटेक प्रोग्राम में प्लेसमेंट और शोध में जाने वाले छात्रों को मिलाकर लगभग 65 प्रतिशत छात्र अपने कैरिअर को स्थापित कर चुके है । साथ ही संस्थान का औसत प्लेसमेंट पैकेज पिछले शैक्षणिक वर्षो की तुलना में दोगुना हो गया है,और एम टेक छात्रों के प्लेसमेंट में भी वृद्धि हुई है । इसके अलावा माननीय निदेशक प्रोफेसर अवस्थी के अथक प्रयासों से, संस्थान के इतिहास में पहली बार सर्वाधिक 19 छात्रों को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में पेड इंटर्नशिप का प्रस्ताव मिला है। इसके अतिरिक्त पहली बार संस्थान के पी एच डी छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है
अवसंरचना विकास
पहले चरण के अंतर्गत संस्थान के श्रीनगर रेशम फार्म स्थित परिसर में तीन छात्रवासों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। शेष दो का भी निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा। द्वितीय चरण के अंतर्गत बत्तीस करोड़ चौरानवे लाख उनतीस हजार नौ सौ उनतालीस रुपये की लागत से रेशम फार्म में शैक्षणिक ब्लॉक, कक्षाएं और प्रयोगशालाएं, मनोरंजन ब्लॉक, प्रशासनिक भवन, मुख्य द्वार और इलेक्ट्रिक रूम आदि के निर्माण के लिए निविदा स्वीकृत कर ली गयी है. इस पूरे निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था को 15 महीने का समय दिया गया है
स्थापना के तेरह वर्षो के बाद पहली बार सुमाड़ी में उपलब्ध 310 एकड़ भूमि में स्थायी परिसर निर्माण के लिए 700 करोड़ रूपये लागत का निविदा प्रस्ताव प्राप्त हुआ है जो की स्वीकृत राशि से अधिक है । इस विषय में बी ओ जी ने एक समिति का गठन किया है, और आशा है की यह कार्य भी शीघ्र ही शुरू हो जाएगा ।
इसके अतिरिक्त मौजूदा पुराने छात्रावासों का नवीकरण एवं सुविधाओं का विस्तार,अबाधित हाई स्पीड कनेक्टिविटी के लिए इंटरनेट नेटवर्क में सुधार, ईआरपी प्रणाली का उपयोग एवं संस्थान की वेबसाइट का नवीकरण संरचात्मक विकास के कुछ प्रमुख पहलू है।
छात्रों को शैक्षणिक यात्राओं, प्लेसमेंट ड्राइव, इंडस्ट्रियल टूर, साहसिक यात्राओं, ट्रैकिंग इत्यादि कार्यक्रमों में छात्रों की सुविधा के लिए दो बसों की खरीदारी की गयी है।
रैंकिंग में सुधार
संस्थान ने दूरस्थ स्थान और संसाधनों की सीमित उपलब्धता के बावजूद, एनआईआरएफ -2022 रैंकिंग में 15000 से अधिक संस्थानों में 131वं स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा, एनआईटी उत्तराखंड को नवाचार उपलब्धि (एआरआईआईए) 2021 पर संस्थानों की अटल रैंकिंग में “राष्ट्रीय महत्व के संस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालयों/ सीएफटीआई में तकनीकी श्रेणी के तहत “प्रोमिसिंग” बैंड में मान्यता दी गई है।
एलुमनाई टॉक सीरीज की शुरुआत
निदेशक के निर्देशानुसार, परसेप्शन और ब्रांड बिल्डिंग में पुरातन छात्रों की भूमिका को देखते हुए, एनआईटी, उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार एलुमनाई टॉक सीरीज की शुरुआत की गयी ताकि संस्थान में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को यहाँ से पास होकर सफलता पाने वाले छात्रों का मार्गदर्शन प्राप्त हो सके।
नए पुरुस्कारों का सृजन
संस्थान में शिक्षकों और पुरातन छात्रों के योगदान को सराहने के लिए संसथान में पहली बार “बेस्ट फैकल्टी अवार्ड” और “डिस्टिंगुइश्ड एलुमनी अवार्ड” का सृजन किया गया है। विगत वर्ष संस्थान में उत्कृष्ट योगदान के लिए बेस्ट फैकल्टी अवार्ड-२०२२ गणित विभाग के असोसिएट प्रोफेसर डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के डॉ कृष्ण कुमार को दिया गया और “डिस्टिंगुइश्ड एलुमनी अवार्ड-२०२२” इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के छात्र श्री सोमराज को दिया गया।
एनईपी 2020 का कार्यान्वयन
समग्र शिक्षा और समग्र विकास के लिए संस्थान में एनईपी 2020 के कार्यान्वयन की प्रक्रिया चल रही है। संस्थान के सीनेट बहुविषयी शिक्षा, एनपीटीईएल कोर्सेज का पाठ्यक्रम में समावेश आदि बहुत कुछ किया जा चुका और बाकियो के लिए भी प्रक्रिया चल रही है। इसी सन्दर्भ में एनआईटी, उत्तराखंड द्वारा देश, विदेश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं जिससे कि छात्रों के लिए बहुआयामी और अंतःविषयी शिक्षा प्रदान करने एवं अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए शैक्षणिक गतिविधियों को एक-दूसरे संस्थानों के साथ साझा किया जा सके। अभी तक जिनके साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए है उनमे एशिया विश्वविद्यालय (एयू), ताइवान, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड(एनएचआईडीसीएल), नई दिल्ली, कोवैलियन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मोहाली चंडीगढ़, द आर्ट ऑफ लिविंग संस्था, ग्राफ़िक एरा हिल यूनिवर्सिटी, देहरादून, यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज , देहरादून शामिल है।
भारतीय संस्कृति को बढ़ावा
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी के प्रयासों से एनआईटी उत्तराखंड के दीक्षांत समारोह में पहली बार शैक्षणिक जुलूस के दौरान “वैदिक मंत्र” का जाप किया गया और पश्चिमी गाउन और कैप की जगह भारतीय परिधान कुर्ता और पयजामा का प्रयोग किया गया। इसके पश्चात संस्थान ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ावा देने के लिए आगामी सभी दीक्षांत समारोहों के लिए स्थायी रूप से भारतीय पोशाक को अपना लिया है ।