गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल
श्रीनगर गढ़वाल – राष्ट्रीय क्रीमी मुक्ति दिवस पर श्रीनगर शहर एवं विकासखंड खिर्सू की तमाम स्कूलों एवं आंगनवाडी केन्द्रों बच्चों को खिलाई दवा स्वास्थ्य कर्मियों, शिक्षकों एवं आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने निभाई मुख्य भूमिका
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर श्रीनगर और खिर्सू क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं सभी विद्यालयों के माध्यम से 1 से 19 वर्षीय बालक-बालिकाओं को कृमि नाशक दवा एलबेंडाजॉल का सेवन कराया जाएगा। जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़कर प्रतिभाग किया और कृमि नाशक दवा लेते हुए कृमि से बचने का संकल्प लिया।
श्रीनगर शहर के जीजीआईसी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय खोला, राइंका सुमाड़ी, राजकीय इंटर कॉलेज मरखोड़ा, रा०पूर्व माध्यमिक विद्यालय दत्ताखेत,भट्टीसेरा, गहड़, नौगांव, डांग ऐंठाना, मंदोली,प्राथमिक विद्यालय सरणा सहित सभी स्कूलों में कृमि संक्रमण चक्र को रोके जाने हेतु बृहत स्तर पर कार्यक्रम चलाया गया। सीएमओ पौड़ी प्रवीन कुमार के निर्देश पर आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूलों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं एनडीडी कार्यक्रम के तहत एलबेंडाजॉल दवा वितरित की गई। आरकेएसके के मैनेजर मनमोहन पटवाल एवं एनडीडी कार्यक्रम के जिला प्रबन्धक आशीष ध्यानी के नेतृत्व में शहर के विभिन्न स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रमों के तहत कृमि दिवस को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया गया। जबकि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के काउंसलर मनमोहन सिंह द्वारा स्कूली स्तर पर बताया कि कृमि संक्रमण के हानिकारक प्रभाव से खून की कमी एनीमिया, कुपोषण, भूख न लगना, जी मिचलना, उल्टी और दस्त लगना तथा वजन में कमी आना है। एलबेंडाजॉल के सेवन से बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण का स्तर, एनिमिया की रोकथाम, बौद्धिक विकास, औसत आयु में वृद्धि में सुधार होती है एवं समुदाय में कृमि संक्रमण की दर में कमी आती है। कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए खाने के पहले एवं शौच के बाद हाथों को साबुन से धोवे, फल एवं सब्जियां धोकर उपयोग करें, नाखून कटे हुए रखें, बच्चों को नंगे पांव न घूमने दें, साथ ही खुले में शौच न करें। स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाने में सहयोग देने वाले सभी शिक्षकों एवं स्वास्थ्य कार्यकताओं का आभार प्रकट किया। आरटीई प्रभारी सुबोध चमोली, शिक्षिका रेखा नेगी, जसपाल सिंह गुंसाई, माधवानंद गोदियाल आदि शिक्षक-शिक्षकाओं ने कृमि दिवस को सफल बनाने में सहयोग किया।