बागेश्वर धाम सरकार’ दिव्य दरबार में हजारों लोग परेशानियां लेकर आते हैं

 

बागेश्वर धाम, यहां रात में अलग ही संसार सजता है। दिव्य दरबार में हजारों लोग परेशानियां लेकर आते हैं।छतरपुर स्थित गढ़ा गांव के बागेश्वर धाम में सबसे ज्यादा भक्तों का हुजूम मंगलवार और शनिवार को उमड़ता है। इनकी समस्या सुनते हैं बागेश्वर धाम के ‘सरकार’ यानी पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री। एक-एक भक्त आगे बढ़ता है। ‘सरकार’ कागज पर समस्या के साथ समाधान भी लिखकर देते हैं। उनके प्रवचन का अंदाज अलग है  भक्तों के बीच कभी भी पहुंच जाते हैं, 

बागेश्वर धाम

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित “बागेश्वर धाम”, जो स्वंयभू हनुमान जी की दिव्यता के लिए देश – विदेश में प्रसिद्ध है। कई तपस्वियों की दिव्य भूमि है बागेश्वर धाम, जहां लोगों को बालाजी महाराज की कृपा और आशीर्वाद दर्शन मात्र से ही मिल जाते हैं। यहां बालाजी महाराज एक अर्जी के माध्यम से सुनते हैं आपकी समस्या और धाम के पीठाधीश्वर पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज, जिसे दुनिया बागेश्वर धाम सरकार के नाम से संबोधित करती है, के माध्यम से समाधान करवाते हैं।

धाम या फिर धाम में लगने वाले पूज्य गुरुदेव के दिव्य दरबार के बारे में जानकारी या फिर बागेश्वर धाम सरकार के आगामी कार्यक्रम की जानकारी हासिल करने के लिए धाम के कॉन्टेक्ट नंबर पर बात करके भी हासिल कर सकते हैं।

 

सरस राष्ट्रीय कथा व्यास

श्री बालाजी महाराज के अनन्य भक्त एवं संन्यासी बाबा के कृपा पात्र और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर परम पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी के श्रीमुख से होने वाली कथा का मुख्य उद्देश्य है, दुनियाभर में सनातन परंपरा का प्रचार-प्रसार करना एवं समग्र लोकाचार, सार्वभौमिक शांति, सत्य, प्रेम और करुणा का संदेश फैलाना है…

 

टोकन वितरण

बागेश्वर धाम के दरबार में लगने वाली अर्जी, पूज्य गुरुदेव से मिलना, उनसे परामर्श और मार्गदर्शन लेना बिल्कुल निःशुल्क है।

 

मंगलवार दरबार

बालाजी महाराज की कृपा से बागेश्वर बालाजी महाराज की पेशी के लिए जिन भक्तों की अर्जी लगती है, उन्हें हर मंगलवार को बालाजी महाराज के दरबार में पेशी लगानी होती है और महाआरती में शामिल होकर अपनी पेशी पूरी करनी होती है। इस दिन ही धाम में प्रेत दरबार भी लगाया जाता है।

 

कैसे मिलेगा बागेश्वर धाम में टोकन?

बागेश्वर धाम में टोकन समय समय पर वितरित किए जाते हैं। इसके लिए आपको बागेश्वर धाम कमेटी से संपर्क करना होगा। इसके लिए एक तिथि निर्धारित  की जाती है और तिथि से पहले बागेश्वर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सूचित किया जाता है कि इस तारीख को टोकन डाले जाएंगे। इसके लिए परिसर में एक पेटी रखी होती है, जिसमें आपको अपना नाम, पिता का नाम ,अपने गांव, जिला, राज्य का नाम पिन कोट के साथ लिखना होता है और साथ ही अपना मोबाइल नंबर लिखकर डालना होता है। टोकन डालने के बाद जिस व्यक्ति का नंबर लगता है उस व्यक्ति से बागेश्वर धाम कमेटी मोबाइल नंबर के माध्यम से संपर्क करती है और उसे टोकन दे दिया जाता है। इस टोकन में आपको एक तारीख मिलती है औऱ उस दिन ही बागेश्वर बालाजी महाराज के दरबार में आपको हाज़री लगानी होती है।

बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है?

बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने की प्रक्रिया बेहद सरल है। करना भी इतना होता है कि आप जब धाम पर आते हैं तो आपको लाल कपड़े में एक नारियल बांध कर धाम परिसर में रखना होता है। हालांकि यहां आप लाल, पीले और काले कपड़े में बंधा नारियल देखेंगे। इसके पीछे की वजह ये है कि अगर आपकी अर्जी सामान्य है तो और लाल कपड़े में नारियल बांधे, अगर शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को पीले कपड़े में बांधे और अगर अर्जी प्रेत बाधा से जुड़ी है तो नारियल को काले कपड़े में बांधे।

कई बार अपनी कथाओं में भी पूज्य गुरुदेव कहते हैं कि अगर आप धाम आकर ऐसा नहीं कर सकते तो अपने घर में स्थित पूजा स्थल पर आप ऐसा कर सकते हैं। बागेश्वर बालाजी महाराज आपकी अर्जी को अवश्य सुनेंगे।

कब डाले जाते हैं टोकन?

टोकन कब डलेंगे, उस दिन का निर्धारण खुद पूज्य गुरुदेव करते हैं। जब तिथि तय हो जाता है तो सोशल मीडिया द्वारा या फिर गुरुदेव के दिव्य दरबार के आखिर में इसकी सूचना दे दी जाती है। टोकन लेने के लिए जिस पर्ची को भक्त जमा करता है, उनमें से कुछ पर्चियों को छांट कर फोन के माध्यम से भक्तों से संपर्क किया जाता है। इसका मतलब ये होता है कि बालाजी महाराज की इच्छा और आशीर्वाद से आपका नंबर आ जाता है।

 

कितनी पेशी जरूरी है ?

बंधुओं, दरबार में जब आप की अर्जी लग जाती है तो दिव्य दरबार में पूज्य गुरुदेव खुद बता देते हैं कि कितनी पेशी आपको करनी है। वैसे तो कम से कम 5 मंगलवार की पेशी हर भक्त को करने का आदेश आता है। आप भक्तगण इससे अधिक पेशी भी कर सकते हैं और हां जब तक आपकी पेशी पूरी नहीं हो जाती, तब तक मदिरा, मांस, लहसुन और प्याज का सेवन पूरी तरह से वर्जित रखना होता है।

परिचय – बागेश्वर धाम

कण कण में विष्णु बसे जन जन में श्रीराम प्राणों में माँ जानकी मन में बसे हनुमान.

करीब 300 साल पहले जिस मानव कल्याण और जनसेवा की परंपरा को सन्यासी बाबा ने शुरु किया था, अब इसी परंपरा को और आगे बढ़ा रहे हैं बालाजी महाराज के कृपा पात्र, श्री दादा गुरुजी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, जिसे पूरी दुनिया बागेश्वर धाम सरकार के नाम से संबोधत करती है। भक्तों का कष्ट हरने भगवान खुद इस धरती पर नहीं विराजते बल्कि अपने किसी दूत को भेजते हैं। बागेश्वर धाम सरकार, बालाजी के वो भक्त हैं जिनपर उनकी असीम कृपा है। यहां जो भी बालाजी महाराज की शरण में अपनी मनोकामना लेकर आता है, बालाजी महाराज अपने परम भक्त बागेश्वर धाम सरकार के माध्यम से उसे पूर्ण करवाते हैं।

बालाजी महाराज के आशीर्वाद से महाराज श्री बागेश्वर धाम सरकार की ख्याति की गवाही तो उनकी कथाओं और उनके दरबारों में श्रद्धालुओं भारी भीड़ देती है। महाराज श्री के दर्शन और उनकी एक झलक पाने के लिए ना जाने कहां कहां से श्रद्धालुगण देशभर में हो रही इनकी कथाओं में पहुंचते हैं और उनकी दिव्यवाणी का श्रवण करते हैं।

4 जुलाई 1996 को मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में सरयूपारीय ब्रह्मण परिवार में पिता श्री रामकृपाल जी महाराज और भक्तिमति माता सरोज के परिवार में जन्मे पूज्य गुरुदेव का बचपन गरीबी और  तंगहाली में बीता। कर्मकांडी ब्राह्ण का परिवार था, तो पूजा पाठ में जो दक्षिणा मिल जाती उसी से 5 लोगों का परिवार चलता। ऐसे में पूज्य महाराज श्री को अपनी शिक्षा भी अधुरी छोड़नी पड़ी। तीन भाई-बहन में सबसे बड़े गुरुदेव का पूरा बचपन अपने परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था करने में ही गुज़र गया।

लेकिन एक दिन बालाजी महाराज की आज्ञा और कृपा से उन्हें उनके दादा जी श्री श्री 1008 दादा गुरु जी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ और दादा गुरु के आशिर्वाद और आदेश से महाराज श्री बालाजी महाराज की सेवा में जुट गए। सन्यासी बाबा और इस धाम की महिमा को दुनिया भर में फैलाया और आज इसका नतीजा है धाम पर हर मंगलवार और शनिवार को पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़।

जनकल्याण और समाज कल्याण के कार्यों के क्रम में जिस तरह से मानव जाति का कल्याण होता आया है, इसके लिए युगों युगों तक गुरुदेव के संकल्प और उनकी कीर्ति याद रखी जाएगी। अपने लिए ना जी कर दूसरों के लिए जीये, दूसरों के लिए कुछ करने के संकल्प के साथ अपना पूरा समय मानवता की सेवा में दे, ऐसे महापुरुष संत को बारम बार नमन…

पूज्य गुरुदेव के संकल्प

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पूज्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी के संकल्पों ने समाज कल्याण और लोक कल्याण की एक अलग परिभाषा गढ़ी है। महाराजश्री के संकल्पों का जीता जागता उदाहरण है धाम परिसर में चल रही अन्नपूर्णा रसोई, धाम की चढ़ोत्री से प्रतिवर्ष गरीब और बेसहारा बेटियों का विवाह, वैदिक शिक्षा के लिए धाम परिसर में गुरुकुल, पर्यावरण संरक्षण के लिए देशभर में बागेश्वर बगिया, गौरक्षा के लिए नारा – गौशाला नहीं उपाय, एक हिन्दू एक गाय और बेसहारा बच्चों के लिए रहने खाने से लेकर शिक्षा की व्यवस्था करना….महाराज श्री के इन नेक संकल्पों में अब देश-विदेश के श्रद्धालु जुड़ते जा रहे हैं।

आगामी कार्यक्रम

    • श्रीराम कथादिनांक :- 24 से 01 जनवरी 2023 स्थान :- दमोह, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
    • श्रीमद्भागवत कथादिनांक :- 5 से 13 जनवरी 2023 स्थान :- नागपुर, महाराष्ट्र लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
    • श्रीराम कथादिनांक :- 17 से 25 जनवरी 2023 स्थान :- रायपुर, छत्तीसगढ़ लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
    • श्रीराम कथादिनांक :- 13 फरवरी से 18 फरवरी 2023 स्थान :- आश्रम, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
    • श्रीराम कथादिनांक :- 25 फरवरी से 5 मार्च 2023 स्थान :- टीकमगढ़, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार
    • श्रीराम कथादिनांक :- 4 से 12 अप्रैल 2023 स्थान :- विदिशा, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
    • श्रीमद्भागवत कथादिनांक :- 20 से 26 अप्रैल 2023 स्थान :- सागर, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
    • श्रीमद्भागवत कथादिनांक :- 4 से 10 मई 2023 स्थान :- , मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
    • श्रीमद्भागवत कथादिनांक :- 25 से 31 मई 2023 स्थान :- खेराना, सागर, मध्य प्रदेश लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल……
    • श्री राम कथादिनांक :- 8 से 17 जुलाई 2023 स्थान :- पेरिस, फ्रांस लाइव कथा:-संस्कार चैनल एवं बागेश्वर धाम सरकार यूट्यूब चैनल.…..
    • बागेश्वर धाम सरकार के आगामी कार्यक्रम या फिर बागेश्वर धाम सरकार की कथा कहाँ चल रही है या किस समय शुरू होगी या फिर किस चैनल पर बागेश्वर धाम की कथा का सीधा प्रसारण होगा, इन सबकी जानकारी आप धाम की वेबसाइट और सोशल मीडिया से भी हासिल कर सकते हैं।
  • अन्नपूर्णा रसोई

    पूज्य महाराजश्री का संकल्प है कि धाम पर आने वाला कोई भी शख्स भूखा ना रहे, इसलिए धाम में अन्नपूर्णा रसोई की शुरुआत की गई, जहां हर रोज हजारों और मंगलवार-शनिवार को तो लाखों लोगों के लिए नि:शुल्क भोजन प्रसाद की व्यवस्था की जाती है। खास बात तो ये हैं कि अन्नपूर्णा रसोई की सारी व्यवस्था धाम पर आने वाली चढोत्री के आधे हिस्से और दान की राशि से की जाती है।

    गरीब और बेसहारा कन्याओं का विवाह

    पूज्य गुरुदेव हमेशा कहते हैं कि जिनका कोई नहीं उनके लिए बागेश्वर बालाजी महाराज हैं। आज बागेश्वर धाम की तरफ से प्रतिवर्ष कई गरीब और बेसहारा कन्याओं का विवाह पूरे रीति-रिवाज के साथ करवाया जाता है। साथ ही धाम की तरफ से बेटी को गृहस्थी में उपयोग होने वाला हर सामान उपहार स्वरुप दिया जाता है।

    गौ रक्षा

    हमारे देश में गाय को माता की तरह पूजा जाता है और इसका मान दुनियाभर के हिन्दू करे इसके लिए पूज्य गुरुदेव ने नारा दिया है – “गौशाला नहीं उपाय, एक हिन्दू…एक गाय”। गुरुदेव का मानना है कि अगर आप एक गाय नहीं भी रख सकते हैं तो अगर आपके आसपास कोई गरीब गाय पाल रहा है तो आप हर महीने उसे ही कुछ धनराशि दे दें ताकि वह गरीब गाय को भरण – पोषण कर सके और उस गाय से जो दूध हो उससे अपने परिवार का भरण – पोषण कर पाएगा।

    बागेश्वर बागीचा

    दुनियाभर में इन दिनों पर्यावरण की रक्षा के लिए कई जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं। यहां तक की कोरोना के समय देश में ऑक्सीजन को लेकर जो त्रासदी मची उसे भी झेला। पर्यावरण में ऑक्सीजन रहे उसके लिए पेड़ों का संरक्षण जरुरी है। तभी तो महाराजश्री ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया और देशभर में बागेश्वर बागीचा बनाने का फैसला किया। मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में कई बागेश्वर बागीचा का निर्माण भी किया जा चुका है।

    वैदिक गुरुकुल

    पूज्य गुरुदेव की सोच है कि भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार दुनियाभर में हो। बागेश्वर धाम के प्रांगण में एक वैदिक गुरुकुल की स्थापना की जा रही है, जहां बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ साथ वेदों का भी ज्ञान दिया जाएगा।

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