देहारादून ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सुराज, सुशासन, सरलीकरण एवं समाधान के संबंध में अनु सचिव से अपर सचिव स्तर तक के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुभागों से उच्च स्तर पर जो पत्रावलियां आती हैं, उन पर अधिकारी अपना मन्तव्य अवश्य लिखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रावलियों को सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए अपना नोट अवश्य जोड़ें। अनुसचिव से अपर सचिव स्तर तक के अधिकारी भी ग्राम स्तर पर आयोजित चौपालों में समय-समय पर प्रतिभाग करें।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सचिवालय स्तर पर भी सुशासन पुरस्कार दिये जाने की घोषणा दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षा बैठकों के लिए माहवार कैलेंडर बनाने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए। कार्यों के बेहतर एवं त्वरित संपादन के लिए अधिकारी आपसी तालमेल से कार्य करें।
उन्होंने कहा कि विभागों के किसी प्रस्ताव पर यदि कोई बात स्पष्ट नही हो रही हो तो, फाइल वापस भेजने के बजाय विभागाध्यक्षों से फोन पर वार्ता कर ही उनका मंतव्य जान लिया जाए। इससे समय की भी बचत होगी एवं जनहित से जुड़े प्रकरणों का निस्तारण भी तेजी से होगा। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री दिलीप जावलकर, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री एस.एन पाण्डेय एवं अपर सचिव से अनुसचिव स्तर के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सुराज, सुशासन, सरलीकरण एवं समाधान के संबंध में अनु सचिव से अपर सचिव स्तर तक के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुभागों से उच्च स्तर पर जो पत्रावलियां आती हैं, उन पर अधिकारी अपना मन्तव्य अवश्य लिखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रावलियों को सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए अपना नोट अवश्य जोड़ें। अनुसचिव से अपर सचिव स्तर तक के अधिकारी भी ग्राम स्तर पर आयोजित चौपालों में समय-समय पर प्रतिभाग करें।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सचिवालय स्तर पर भी सुशासन पुरस्कार दिये जाने की घोषणा दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षा बैठकों के लिए माहवार कैलेंडर बनाने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए। कार्यों के बेहतर एवं त्वरित संपादन के लिए अधिकारी आपसी तालमेल से कार्य करें।
उन्होंने कहा कि विभागों के किसी प्रस्ताव पर यदि कोई बात स्पष्ट नही हो रही हो तो, फाइल वापस भेजने के बजाय विभागाध्यक्षों से फोन पर वार्ता कर ही उनका मंतव्य जान लिया जाए। इससे समय की भी बचत होगी एवं जनहित से जुड़े प्रकरणों का निस्तारण भी तेजी से होगा। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री दिलीप जावलकर, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री एस.एन पाण्डेय एवं अपर सचिव से अनुसचिव स्तर के अधिकारी उपस्थित थे।