ऋषिकेश, 3 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया जी और श्रीमती लोकेट चटर्जी पधारी। परमार्थ गुरूकुल के आचार्यों और ऋषिकुमारों ने शंख ध्वनि और पुष्पवर्षा से उनका अभिनन्दन किया। मातृशक्तियों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्रीमती वसुन्धरा राजे सिंधिया जी एवं श्रीमती लोकेट चटर्जी से चर्चा के दौरान बताया कि परमार्थ निकेतन लैंगिक समानता और लिंग आधारित हिंसा पर व्यापक स्तर पर कार्य कर रहा है ताकि समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त किया जा सके।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि राजस्थान महान योद्धाओं, अद्भुत शौर्य व साहस की भूमि है। राजस्थान की माटी ने महाराणा प्रताप जैसे वीरों को जन्म दिया हैं। भारतीय इतिहास के पृष्ठ महाराणा प्रताप की बहादुरी और वीरता से पूर्ण है। वीरता राजस्थान की माटी के कण-कण में समाहित है।
वसुन्धरा राजे सिंधिया जी ने परमार्थ निकेतन द्वारा संचालित पर्यावरण और नदियों के संरक्षण, समाज में व्याप्त कुरीतियों के निवारण, भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार और गंगा जी के प्रति जागरूकता हेतु गंगा आरती प्रशिक्षण आदि पहलों के विषय में जानकारी प्राप्त कर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि पूज्य स्वामी जी के नेतृत्व में आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिये संचालित कार्यक्रम वास्तव में अनुकरणीय है।
श्रीमती लोकेट चटर्जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन अत्यंत शान्ति और आनन्द प्रदान करने वाला स्थान है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्रीमती वसुन्धरा राजे सिंधिया जी और श्रीमती लोकेट चटर्जी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।